छत्तीसगढ़ में आठ लाख रुपए के इनामी दो माओवादियों समेत सात ने किया आत्मसमर्पण


रायपुर, 7 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। गरियाबंद-धमतरी-नुवापारा संभाग में सक्रिय प्रमुख माओवादी इकाई उदंती एरिया कमेटी के सभी सक्रिय सदस्यों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रायपुर में महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के समक्ष हुए इस आत्मसमर्पण में सात माओवादी शामिल थे, जिनमें दो शीर्ष कमांडर भी शामिल थे, जिन पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था।

हथियार डालने वालों में एरिया कमांडर सुनील और सचिव अरीना भी शामिल थे, जो 2010 से हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे थे। उनके साथ लुद्रन, विद्या, नंदिनी, मलेश (प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का इनाम था), और कांति भी शामिल थे, जिन पर 1 लाख रुपएका इनाम था।

चार महिलाओं और तीन पुरुषों वाला यह समूह एक एसएलआर, तीन इंसास राइफलों और एक सिंगल-शॉट बन्दूक सहित छह हथियारों के साथ पुलिस लाइन पहुंचा।

महानिरीक्षक मिश्रा ने इस आत्मसमर्पण को क्षेत्र में “शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया और कहा कि यह कदम उदंती एरिया कमेटी की संचालन क्षमता को प्रभावी ढंग से कम करता है। निर्णायक मोड़ तब आया जब कमांडर सुनील ने सार्वजनिक रूप से शांति की अपील की और साथी कार्यकर्ताओं से आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया।

उनके आह्वान की समूह में गूंज हुई और सशस्त्र संघर्ष से अलग होने का सामूहिक निर्णय लिया गया। सुरक्षा बलों ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है और इसे नक्सली प्रभाव को बेअसर करने के चल रहे प्रयासों में एक “सकारात्मक बदलाव” बताया है।

पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आत्मसमर्पण करने वाले व्यक्ति पिछले एक दशक में कई घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और भय का माहौल बना हुआ है। उनके आत्मसमर्पण के फैसले से गरियाबंद और आसपास के जिलों में विकासात्मक पहलों में तेजी आने और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। उदंती क्षेत्र समिति अब लगभग समाप्त हो चुकी है, इसलिए अधिकारियों का मानना ​​है कि यह क्षेत्र एक नए अध्याय की ओर अग्रसर है—एक ऐसा अध्याय जो शांति, प्रगति और चरमपंथी विचारधारा के क्रमिक क्षरण से चिह्नित होगा।

यह आत्मसमर्पण न केवल एक सामरिक जीत का संकेत देता है, बल्कि छत्तीसगढ़ में माओवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई में पुनर्वास प्रयासों और सामुदायिक संपर्क के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है।

–आईएएनएस

एमएस/डीकेपी


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