ईरान और यूरोप के तीन प्रमुख देशों के बीच परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति : वरिष्ठ राजनयिक

ईरान और यूरोप के तीन प्रमुख देशों के बीच परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति : वरिष्ठ राजनयिक

तेहरान, 14 जनवरी (आईएएनएस)। ईरान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि ईरान और तीन यूरोपीय शक्तियां फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी प्रतिबंधों को हटाने और तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए हैं।

ईरान के उप विदेश मंत्री काजम गरीबाबादी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर यह घोषणा की। जिनेवा में ईरान, तीन देशों और यूरोपीय संघ के बीच वार्ता का एक नया दौर शुरू हुआ।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वार्ता में कई मुद्दों को शामिल किए जाने की उम्मीद है, जिसमें देश एक-दूसरे से कैसे संबंधित हैं, साथ ही क्षेत्र और दुनिया की समस्याओं पर भी चर्चा होगी।

गरीबाबादी ने कहा कि वार्ता “गंभीर, स्पष्ट और रचनात्मक” थी, उन्होंने कहा कि इसमें प्रतिबंधों को हटाने और समझौते के लिए आवश्यक परमाणु मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

उन्होंने कहा, “सभी लोग प्रतिबंधों को हटाने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर सहमत हुए। समझौते पर पहुंचने के लिए सभी पक्षों द्वारा एक अच्छा माहौल बनाने की आवश्यकता है।”

ईरान और यूरोपीय शक्तियों के वरिष्ठ राजनयिकों ने आखिरी बार नवंबर 2024 में जिनेवा में तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और अन्य विषयों पर चर्चा की थी। गरीबाबादी ने कहा कि वे खुली वार्ता थी और देशों के बीच, क्षेत्र में और दुनिया भर में हाल की घटनाओं, विशेष रूप से परमाणु कार्यक्रम और प्रतिबंधों को हटाने पर केंद्रित थीं।

ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ एक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत प्रतिबंधों में ढील के बदले में अपने परमाणु कार्य को सीमित करने पर सहमति व्यक्त की गई थी। लेकिन अमेरिका ने मई 2018 में इस समझौते को छोड़ दिया और प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया, जिससे तेहरान को अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करना पड़ा।

2015 के समझौते को फिर से लागू करने के लिए वार्ता अप्रैल 2021 में वियना में शुरू हुई, लेकिन कई दौर की चर्चाओं के बावजूद इसमें बहुत कम प्रगति हुई है।

दिसंबर में जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस ने एक बयान जारी कर ईरान की संवर्द्धन क्षमता पर “अत्यधिक चिंता” व्यक्त की थी।

इसमें कहा गया, “हम ईरान से इन कदमों को वापस लेने और अपने परमाणु विस्तार को तुरंत रोकने का आग्रह करते हैं।”

यह बयान संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान 60 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम को समृद्ध कर रहा है, जो हथियार बनाने के लिए आवश्यक 90 प्रतिशत के स्तर के करीब है।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

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