सेमीकॉन इंडिया 2025: भारत पर बड़ा दांव लगा रहे सेमीकंडक्टर जगत के प्रमुख सीईओ: पीएम मोदी

नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक मजबूत घरेलू चिप निर्माण इकोसिस्टम विकसित करने और इस महत्वपूर्ण तकनीक के आयात को कम करने के लक्ष्य के साथ, सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर और सेमीकंडक्टर लिथोग्राफी में ग्लोबल लीडर एएसएमएल होल्डिंग एनवी ने देश में व्यापार के लिए एक मजबूत प्रस्ताव रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ पर प्रतिक्रिया दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि सेमीकॉन इंडिया 2025 के दौरान सेमीकंडक्टर जगत के प्रमुख सीईओ के साथ बातचीत की। भारत की क्षमता में उनका विश्वास स्पष्ट है और वे सेमीकंडक्टर नवाचार और विनिर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। मैंने इस क्षेत्र में भारत की निरंतर सुधार यात्रा के बारे में बात की, जिसमें मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण और कौशल विकास के साथ-साथ नवाचार पर जोर शामिल है।
इससे पहले एएसएमएल ने पहली बार ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ में भाग लिया और भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
एएसएमएल के अध्यक्ष और सीईओ क्रिस्टोफ फौक्वेट ने कहा, “भारत निवेश, एक मजबूत टैलेंट पूल और सरकार के स्पष्ट समर्थन के साथ सेमीकंडक्टर उद्योग में अपनी महत्वाकांक्षाओं को विकसित करने में प्रगति दिखा रहा है। हम भारत के दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं क्योंकि यह वैश्विक उद्योग को मजबूत करेगा।”
फौक्वेट ने आगे कहा, “हम भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के बारे में जानने, नए संबंध स्थापित करने और अवसर तैयार करने के लिए उत्सुक हैं।”
सीईओ ने शिखर सम्मेलन में कहा कि सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर आगामी वर्ष में भारतीय व्यवसायों के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने का इरादा रखता है। कंपनी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी और सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी की एक महत्वपूर्ण सप्लायर है।
कंपनी ने अपने व्यापक लिथोग्राफी पोर्टफोलियो का प्रदर्शन किया, जिसमें निरीक्षण उपकरण, मेट्रोलॉजी, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और लिथोग्राफी सिस्टम शामिल हैं।
एएसएमएल के अनुसार, स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल और 5जी आईओटी की मजबूत मांग और सरकारी समर्थन के चलते, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा।
–आईएएनएस
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