स्तन कैंसर से बचने के लिए सेल्‍फ एग्जामिनेशन और स्क्रीनिंग जरूरी : विशेषज्ञ

स्तन कैंसर से बचने के लिए सेल्‍फ एग्जामिनेशन और स्क्रीनिंग जरूरी : विशेषज्ञ

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। स्तन कैंसर के प्रति लोगों को सचेत करते हुए डॉक्‍टरों ने कहा कि ऐसे में स्तन में गांठ होना एक आम लक्षण है। यह बिना किसी कारण के भी हो सकती है। इसके लिए उन्‍होंने सेल्‍फ एग्जामिनेशन और स्क्रीनिंग की सलाह दी है।

अक्टूबर को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है।

भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है। उच्च मृत्यु दर के साथ यह देश में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है।

हाल ही में आईसीएमआर की ओर से जारी शोध के अनुसार भारत में 2045 तक स्तन कैंसर के मामले और मौतें तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगाना महत्वपूर्ण है, ताकि उपचार के परिणामों के साथ-साथ इससे ग्रसित महिलाओं के जिंदा रहने की दर में भी सुधार हो सके।

दिल्ली के एम्स में डॉ. बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर ने आईएएनएस को बताया, ” स्तन कैंसर में सबसे आम लक्षण स्तन में गांठ है। इसके अलावा यह बांह के नीचे या कॉलरबोन के पास सूजन या गांठ, निप्पल से स्राव, स्तन के ऊपर की त्वचा में परिवर्तन के रूप में नजर आ सकती है।”

डॉक्टर ने कहा, “स्तन या निप्पल की त्वचा पर लालिमा या दाने, स्तन के आकार में परिवर्तन और स्तन में दर्द घातक कैंसर के लक्षण हैं।”

आईसीएमआर के अनुसार, 2022 में भारत में सभी महिला कैंसरों में स्तन कैंसर के मामले 28.2 प्रतिशत रहे। भारत में स्तन कैंसर के लिए पांच साल की जीवित रहने की दर 66.4 प्रतिशत है।

स्तन कैंसर का स्क्रीनिंग टेस्ट से जल्दी पता लगाया जा सकता है और इसमें मैमोग्राफी एक मानक अनुशंसित स्क्रीनिंग टेस्ट है जो मृत्यु दर को कम करता है। यूनाइटेड स्टेट्स प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स द्वारा 2024 में अपडेट किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, हर 2 साल बाद 40 वर्ष की आयु में इसे शुरू करने की सिफारिश की जाती है।

नई दिल्ली द्वारका के मणिपाल हॉस्पिटल में कंसल्टेंट गायनोकोलॉजिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. दिव्या सेहरा ने आईएएनएस को बताया, “बिना किसी लक्षण के भी स्तन कैंसर हो सकता है। इसीलिए मैमोग्राम या ब्रेस्ट एमआरआई के माध्यम से स्क्रीनिंग की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे मृत्यु दर में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी देखी गई है।”

सेहरा ने कहा, “जब ट्यूमर त्वचा की ओर बढ़ता है, तो त्वचा में लालिमा और दर्द जैसे परिवर्तन आम हैं। मेटास्टेटिक कैंसर में वजन घटना, पीठ दर्द या पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/जीकेटी

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