संदेशखाली घटना से संबंधित संसदीय आचार समिति की याचिका के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार कमेटी की कार्रवाई पर रोक लगा दी। साथ ही उन्होंने लोकसभा सचिवालय को नोटिस भेजा है।
कपिल सिब्बल ने रखा बंगाल सरकार का पक्ष
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पश्चिम बंगाल में संदेशखाली घटना से संबंधित संसदीय आचार समिति के नोटिस के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में जिक्र किया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक गतिविधियां विशेषाधिकार का हिस्सा नहीं हो सकती हैं।
चार हफ्ते बाद होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत कई अधिकारियों के खिलाफ लोकसभा विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई पर रोक लगा दी। इस मामले में अगली सुनवई 4 हफ्ते बाद होगी।
आचार समिति ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि संसद की आचार समिति ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव समेत वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार की शिकायत पर विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी हुआ था। संदेशखाली जाने से रोकने के मामले में मजूमदार ने शिकायत की थी।