एसआईआर को लेकर समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन


लखनऊ, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर समाजवादी पार्टी ने निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया है कि सरोजिनी नगर विधानसभा क्षेत्र में सत्ता पक्ष के दबाव में भाजपा के बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) को अंतिम मतदाता सूची और व्यू एन्यूमरेशन फार्म डिटेल उपलब्ध कराई जा रही है, जो निर्वाचन आयोग के नियमों का खुला उल्लंघन है।

समाजवादी पार्टी ने ज्ञापन में कहा कि जनपद लखनऊ की 170-सरोजिनी नगर विधानसभा सीट पर सरकार के दबाव में जिला निर्वाचन अधिकारी और ईआरओ द्वारा भाजपा के बूथ लेवल एजेंटों को सभी मतदेय स्थलों पर 7 जनवरी 2025 को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही मतदेय स्थलवार व्यू एन्यूमरेशन फार्म डिटेल भी भाजपा के एजेंटों को दिए जाने की शिकायत सामने आई है।

सपा का आरोप है कि यह कार्रवाई भारत निर्वाचन आयोग के नियमों और निर्देशों की खुली अवहेलना है। पार्टी का कहना है कि जनपद स्तर पर निर्वाचन से जुड़े अधिकारी सत्ता के दबाव में आकर एसआईआर प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं, जो एक अत्यंत गंभीर विषय है और इससे पूरी निर्वाचन व्यवस्था की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि समाजवादी पार्टी ने एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने से पहले सात जनवरी 2025 को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची और वर्ष 2003 की मतदाता सूची विधानसभा वार एवं मतदेय स्थल वार सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने यह सूची समाजवादी पार्टी को देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद भाजपा के बूथ लेवल एजेंटों को ये सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने का आरोप सपा ने लगाया है।

सपा ने कहा कि सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और कार्यकर्ताओं के दबाव में जनपद स्तर पर अधिकारी एसआईआर प्रक्रिया को न तो पारदर्शी ढंग से संचालित कर रहे हैं और न ही निष्पक्षता बरती जा रही है। इससे भारत निर्वाचन आयोग की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्टी ने मांग की है कि भारत निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक (ऑब्जर्वर) इस पूरे मामले का तत्काल संज्ञान लें और जिला निर्वाचन अधिकारी तथा ईआरओ के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें, ताकि एसआईआर प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से पूरा कराया जा सके।

ज्ञापन सौंपते समय केके श्रीवास्तव, डॉ. हरिश्चन्द्र सिंह, और राधेश्याम सिंह मौजूद रहे। उन्होंने चुनाव आयोग से त्वरित हस्तक्षेप कर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।

–आईएएनएस

विकेटी/डीकेपी


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