लोकतांत्रिक सिस्टम पर समाजवादी पार्टी को भरोसा नहीं: दानिश अंसारी


लखनऊ, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दानिश अंसारी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के एसआईआर पर लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सपा को लोकतांत्रिक सिस्टम पर भरोसा नहीं है।

अंसारी ने लखनऊ में आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि सपा लगातार एसआईआर का विरोध कर रही है, जिससे साफ पता चलता है कि पार्टी को देश के लोकतांत्रिक सिस्टम पर भरोसा नहीं है। यह बहुत चिंता की बात है। समाजवादी पार्टी खुद को लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली बहुत समझदार पार्टी दिखाती है, लेकिन उनके शब्दों, विचारों और कामों में साफ विरोधाभास दिखता है, जो उनकी दोहरी मानसिकता को दिखाता है।

अंसारी का यह बयान उस वक्त आया है जब सपा सांसद डिंपल यादव ने शीतकालीन सत्र के दौरान एसआईआर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर कराया गया और लगभग 80 लाख वोटर के नाम डिलीट किए गए, और यह सूची आज भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है कि 80 लाख वोटर कौन थे। अभी एसआईआर की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में भी चल रही है, जहां बीएलओ को कोई भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। 10 से ज्यादा बीएलओ ने काम के बोझ की वजह से आत्महत्या की है। समाजवादी पार्टी की यह मांग है कि बैलट पेपर से चुनाव कराया जाए।

अंसारी ने डिंपल यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि देश में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव होंगे। देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और ढांचा और भी मजबूत होगा, और संविधान और मजबूत होगा। अगर निष्पक्ष और पूरी तरह पारदर्शी चुनाव होंगे, तो समाजवादी पार्टी को आखिर परेशानी क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी घबरा गई है; सपा को लेकर जनता में विश्वास नहीं है।

उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावी हार भी इसी बात को दिखाती है। अपनी नाकामियों पर सोचने के बजाय, वे दूसरों पर इल्जाम लगाने की कोशिश करते हैं, जो इन हारों पर उनकी निराशा को दिखाता है।

यूनेस्को द्वारा दीपावली को अमूर्त विरासत सूची में शामिल करने पर मंत्री दानिश अंसारी ने कहा, “यह बहुत सराहनीय है। आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिली है। यह सद्भावना दिखाती है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत देश का एक मजबूत स्तंभ है और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में इसे दुनिया के सामने मजबूती से पेश किया गया है। इसी वजह से भारत अब वैश्विक स्तर पर सकारात्मक नेतृत्व और प्रगतिशील विकास के चालक के रूप में उभर रहा है।

–आईएएनएस

डीकेएम/डीकेपी


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