भारत में यात्री वाहनों की बिक्री 2025-26 में तेजी से बढ़ने की उम्मीद: रिपोर्ट
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यात्री वाहनों की बिक्री वर्ष 2025-26 में 4-7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण मांग में मजबूती के कारण वित्त वर्ष 2026 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 6-9 प्रतिशत की तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 11-14 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024 में यात्री वाहन उद्योग की बिक्री 4.2 मिलियन यूनिट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 (ईयर-टू-डेट) में थोक बिक्री स्थिर रही, जिसका कारण ऑटोमोबाइल निर्माताओं द्वारा स्थिर उत्पादन रहा, लेकिन उद्योग की बिक्री में मामूली वृद्धि लगभग 2 प्रतिशत रही।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, “उद्योग के लिए मांग के ज्यादातर कारक जैसे डिस्पोजेबल आय, नए मॉडल लॉन्च, स्वामित्व की लागत आदि तटस्थ या अनुकूल बने हुए हैं। भले ही उद्योग के लिए आधार उच्च बना हुआ है, इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में पीवी उद्योग की मात्रा 4-7 प्रतिशत की मध्यम गति से बढ़ेगी।”
दोपहिया उद्योग में, इक्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में वॉल्यूम में मजबूत वृद्धि देखी गई, जो कि वित्त वर्ष 2025 (ईयर-टू-डेट) में सालाना आधार पर लगभग 10 प्रतिशत वृद्धि है, साथ ही उद्योग वित्त वर्ष 2020-22 के दौरान निचले स्तरों से उबरना जारी रखता है।
पिछले कुछ महीनों में उद्योग की संभावनाओं को अच्छे मानसून के बाद बेहतर ग्रामीण मांग से सपोर्ट मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग के लिए ग्रामीण मांग स्वस्थ रहने की उम्मीद है, क्योंकि अब तक रबी की बुवाई मजबूत रही है।
केंद्रीय बजट में छूट के कारण आयकर व्यय में कमी से डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी और मांग को सपोर्ट मिलेगा।
आईसीआरए का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में दोपहिया वाहन उद्योग की मात्रा 6-9 प्रतिशत गति से बढ़ेगी, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 11-14 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में यह भी उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में घरेलू वाणिज्यिक वाहन (सीवी) उद्योग में वृद्धि दर्ज की जाएगी।
आईसीआरए ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए निरंतर बजटीय सहायता, माल ढुलाई दरों को और अधिक सपोर्ट देने वाली स्वस्थ माल उपलब्धता और स्क्रैपेज नीति और क्लीनर वाहनों की ओर बढ़ने जैसे नियम प्रतिस्थापन मांग को बढ़ा सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि “पुराने सरकारी वाहनों को अनिवार्य रूप से स्क्रैप करने और रिप्लेसमेंट मांग से बसों में वृद्धि होगी, जबकि एलसीवी (ट्रकों) में वृद्धि कम होने की उम्मीद है, जो ई3डब्ल्यू से कैनिबलाइजेशन और ई-कॉमर्स में मंदी के अलावा दूसरे कारकों से प्रभावित है।
एमएंडएचसीवी (ट्रक), एलसीवी और बसों में वित्त वर्ष 2026 में क्रमशः 0-3 प्रतिशत, 3-5 प्रतिशत और 8-10 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।”
–आईएएनएस
एसकेटी/केआर