देश में पिछले 11 सालों में टकराव का माहौल पैदा हुआ : सचिन पायलट

भीलवाड़ा, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने सीजेआई से दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा दुखद कोई घटना नहीं हो सकती।
पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिछले 11 सालों में देश में ऐसा माहौल बनाया गया है, जिससे टकराव और वैमनस्य की स्थिति उत्पन्न हुई है। जनता में जहर फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं। सीजेआई से दुर्व्यवहार करने वाले लोग द्वेष की भावना से प्रेरित हैं। हमारे देश में इस तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं है।
बिहार विधानसभा चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा कि नीतीश कुमार अनुभवी व्यक्ति हैं, लेकिन वे पिछले 20 सालों से सत्ता से चिपके हुए हैं। कभी राजद तो कभी भाजपा के साथ गठबंधन कर लेते हैं। सत्ता के लिए जो दल-बदल की राजनीति उन्होंने की है, उसका जनता पर नकारात्मक असर पड़ा है। बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है, और इस बार निश्चित तौर पर बदलाव होगा।
पायलट ने यह बातें भीलवाड़ा के महिला आश्रम गर्ल्स कॉलेज, पथिक नगर में आयोजित समारोह के दौरान कहीं। यह समारोह पूर्व मुख्यमंत्री एवं असम के पूर्व राज्यपाल शिवचरण माथुर और स्वतंत्रता सेनानी सुशीला देवी माथुर की मूर्तियों के अनावरण के अवसर पर आयोजित किया गया था। समारोह में पायलट मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने संयुक्त रूप से शिवचरण माथुर और सुशीला देवी माथुर की प्रतिमाओं का अनावरण किया।
कार्यक्रम में पायलट ने कहा कि आज देश-प्रदेश की राजनीति में नैतिकता की कमी झलकती है। कोई भी संस्था, दल या सरकार तभी सुचारु रूप से चल सकती है, जब उसमें मौलिक मूल्यों का सम्मान किया जाए और नेतृत्व करने वाले व्यक्ति उन मूल्यों को अपनाएं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ भाषण देने या प्रवचन से न तो सुधार आता है और न ही सत्य के मार्ग पर चला जा सकता है। जब तक हम अपने कहे और किए में विश्वास नहीं रखते, तब तक बदलाव संभव नहीं। संस्थाओं और राजनीति में स्वच्छ छवि वाले लोग नहीं आएंगे, तब तक अपेक्षित विकास संभव नहीं है।
पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के कुशल नेतृत्व, महिला शिक्षा और औद्योगिक विकास में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके नेक कार्यों को संस्था की सचिव वंदना माथुर और डायरेक्टर विभा माथुर आगे बढ़ा रही हैं। आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा देना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि है।
–आईएएनएस
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