उत्तर प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों का रोड समेत अन्य टैक्स एकमुश्त जमा करना होगा। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद निजी वाहनों की तर्ज पर व्यावसायिक वाहनों से भी एकमुश्त टैक्स वसूलने की तैयारी है। इसके तहत आटो, ई रिक्शा, टेंपो और साढ़े सात टन भार वाले वाहनों के अलावा टैक्सी, मैक्सी कैब, जेसीबी और क्रेन से एकमुश्त टैक्स वसूला जाएगा।
वर्तमान में थ्री व्हीलर से सालाना, तीन टन तक गुड्स से तिमाही या सालाना, टैक्सी और मैक्सी कैब से तिमाही या सालाना और यात्री वाहन से मासिक या तिमाही टैक्स वसूला जाता है। एकमुश्त टैक्स वसूलने से इनके स्वामियों पर पर लोड बढ़ जाएगा।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने मुख्य सचिव के साथ बैठक कर एकमुश्त टैक्स को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। गत वर्ष अक्तूबर में इस बाबत बात हुई थी। वहीं, टैक्स भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद शासन से इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इसके तीन महीने बाद नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी तरह के वाहनों पर 15 से 25 फीसदी तक टैक्स बढ़ाने की भी संस्तुति की गई है। पिछले 13 वर्षों से वाहनों के किसी टैक्स में कोई वृद्धि नहीं की गई है। जबकि अन्य राज्यों में पहले ही ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है।
बस व ट्रक एकमुश्त टैक्स से बाहर
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि व्यावसायिक वाहनों में ट्रक और रोडवेज बसों को शामिल नहीं किया गया है। क्योंकि इन वाहनों पर आठ हजार से दस हजार रुपये से अधिक मासिक टैक्स आता है। ऐसे में एकमुश्त होने पर लोड बढ़ जाएगा।