नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)। भारत में वाहनों की खुदरा बिक्री 2024 में सालाना आधार पर 9 प्रतिशत बढ़कर 26 मिलियन यूनिट से पार हो गई है। वाहनों की खुदरा बिक्री को लेकर यह बढ़ोतरी निजी खपत और प्रयोज्य आय (डिस्पोजेबल इनकम) बढ़ने की वजह से देखी गई।
यह 2018 में एक साल में 25.4 मिलियन यूनिट के प्री-कोविड शिखर को भी पार कर गया है।
उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि 2025 में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च और एंड यूजर सेगमेंट में वृद्धि को लेकर सरकार के फोकस पर नजर बनी रहेगी क्योंकि यह कमर्शियल वाहन उद्योग के लिए अच्छा रहेगा।
टाटा मोटर्स लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा, “आगे देखते हुए, हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कमर्शियल वाहन उद्योग के अधिकांश क्षेत्रों में मांग में सुधार होगा।”
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के अनुसार, 2025 में एक के बाद एक लॉन्च की वजह से आशावाद बना हुआ है।
उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन करेगा। 2024 में, ईवी की बिक्री 1.95 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई, जो 2023 में 1.5 मिलियन थी।
ईवी पेनिट्रेशन भी पिछले वर्ष के 6.39 प्रतिशत की तुलना में 7.5 प्रतिशत तक बढ़ गई।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर स्पेस में, बजाज ऑटो की बाजार हिस्सेदारी दिसंबर 2024 में 3 प्रतिशत बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई, जो नवंबर में 22 प्रतिशत थी।
वहीं, ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी दिसंबर में मासिक आधार पर 5 प्रतिशत घटकर 19 प्रतिशत रह गई। नवंबर में यह 24 प्रतिशत थी।
यात्री वाहन (पीवी) स्पेस में, मारुति सुजुकी इंडिया ने दिसंबर 2024 में बिक्री में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल इसी महीने में 1,37,551 यूनिट से बढ़कर 1,78,248 यूनिट हो गई।
ऑटोमेकर किआ इंडिया ने पिछले वर्ष की तुलना में 2024 में कुल बिक्री में 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो 2,55,038 यूनिट थी, जो इसकी अब तक की सबसे अधिक वार्षिक बिक्री थी। कंपनी ने 2023 में 2,40,919 यूनिट बेची थीं।
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड ने 2024 में 6,05,433 यूनिट की अब तक की सबसे अधिक वार्षिक घरेलू बिक्री दर्ज की।
–आईएएनएस
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