चमोली हिमस्खलन में लापता पांच मजदूरों को खोजने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन


चमोली, 1 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे 55 मजदूरों में से 50 को रेस्क्यू कर लिया गया है। लेकिन, अभी भी 5 मजदूर मिसिंग बताए जा रहे हैं। इन 5 मजदूरों को खोजने के लिए भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। राज्य सरकार भी पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही साथ घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था पर निगरानी बनाए हुए है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया 5 मजदूर जो अभी लापता हैं, उन्हें खोजने के लिए आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ की संयुक्त टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। रेस्क्यू किए गए 50 मजदूरों में से 24 मजदूरों को जोशीमठ लाया गया है। आर्मी हास्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में मजदूरों का इलाज चल रहा है। बाकी मजदूरों का बद्रीनाथ आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। बद्रीनाथ हेलीपैड में बर्फ हटाने का काम चल रहा है। उम्मीद है कि दो मार्च तक हेलीपैड की बर्फ साफ होने के बाद बाकी मजदूरों को भी जोशीमठ लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “चमोली जिले में माणा के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना। साथ ही बचाव कार्य में जुटे सैन्य अधिकारियों एवं प्रशासनिक टीमों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों की हरसंभव सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रभावित श्रमिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशासन, सेना और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।”

भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “उत्तराखंड में चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए हिमस्खलन में फंसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के श्रमवीरों को बचाने के ल‍िए राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मैं जिलाधिकारी के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन, बीआरओ, सेना और आईटीबीपी की टीम से राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर लगातार संपर्क में हूं। राज्य सरकार मुस्तैदी से इस राहत एवं बचाव अभियान में लगी हुई है। मैंने आर्मी अस्पताल, जोशीमठ में वरिष्ठ डॉक्टरों से बात कर घायल श्रमवीरों के समुचित एवं बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। एक घायल श्रमवीर को एम्स ऋषिकेश में भी भर्ती किया गया है। मैंने एम्स, ऋषिकेश के डायरेक्टर से घायल श्रमवीर के लिए उत्तम स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के बारे में बात की है। मैंने जोशीमठ और एम्स, ऋषिकेश के डॉक्टरों से कहा है कि उन्हें किसी भी तरह की मेडिकल असिस्टेंस की कोई जरूरत हो, किसी उपकरण की जरूरत हो या फिर देश के एक्सपर्ट डॉक्टरों से सलाह-मशविरे की जरूरत हो, तो तुरंत मुझे अवगत कराएं। मैंने इस बाबत एम्स, नई दिल्ली में भी बात की है ताकि रन-टाइम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल असिस्टेंस उपलब्ध कराया जा सके। घायल श्रमवीरों की शीघ्र रिकवरी में सहयोग के लिए मैंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की है ताकि कोई भी जरूरत हो, उसे जल्द से जल्द मुहैया कराया जा सके। संकट की इस घड़ी में हमारी प्राथमिकता घायल श्रमवीरों को समुचित एवं उत्तम उपचार उपलब्ध कराना है।”

–आईएएनएस

डीकेएम/सीबीटी


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