यूपी में एसआईआर प्रक्रिया को मिली गति, दो सप्ताह और बढ़ाने का अनुरोध

लखनऊ, 10 दिसंबर(आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि मृतक, शिफ्टेड व अनुपस्थित मतदाताओं का पुनः सत्यापन और सघनता से करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया है।
उन्होंने कहा कि सुव्यवस्थित और शुद्ध मतदाता सूची तैयार करना सरकार की प्राथमिकता है। रिणवा ने बताया कि प्रदेश में 99.24 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। इनमें से 18.85 प्रतिशत गणना प्रपत्र असंग्रहीत श्रेणी में पाए गए हैं जिनमें मृतक, स्थायी रूप से स्थानांतरित, अनुपस्थित और दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता शामिल हैं। अभी तक कुल 80.29 प्रतिशत प्रपत्र मतदाताओं या उनके परिजनों के हस्ताक्षर सहित वापस प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि असंग्रहीत श्रेणी में शामिल लगभग 2.91 करोड़ प्रपत्रों में 1.27 करोड़ (8.22 प्रतिशत ) मतदाता स्थायी रूप से निवास स्थान बदल चुके हैं, 45.95 लाख (2.98 प्रतिशत) मृतक हैं, 23.69 लाख (1.50 प्रतिशत) दोहरी प्रविष्टि वाले हैं, 9.58 लाख (0.62 प्रतिशत) ने प्रपत्र अब तक लौटाए नहीं जबकि 84.73 लाख (5.49 प्रतिशत) मतदाता अनुपस्थित पाये गये हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्राप्त प्रपत्रों को वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मैप करने का कार्य 76 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है और जिलाधिकारियों को इसे तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं को नाम न होने के कारण गणना प्रपत्र नहीं मिला, उनसे फार्म-6 भरवाया जाए। साथ ही 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष पूरे करने वाले युवाओं को भी फार्म-6 भरकर मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 14 जनपदों, 132 विधानसभा क्षेत्रों और 1,43,509 मतदेय स्थलों पर डिजिटाइजेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से मृतक, शिफ्टेड, अनुपस्थित व दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं के सत्यापन में सहयोग की अपील की है। उन्होंने बताया कि बूथ लेवल अधिकारी 12 दिसंबर 2025 तक अपने बूथ एजेंटों को संग्रहीत मतदाताओं की सूची उपलब्ध करा देंगे। यह सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी तथा जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइटों पर भी उपलब्ध रहेगी।
— आईएएनएस
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