गणतंत्र दिवस परेड 2025 : त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश की झांकियों ने भी जीता सम्मान, तमाम प्रतिनिधियों ने जताई खुशी

गणतंत्र दिवस परेड 2025 : त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश की झांकियों ने भी जीता सम्मान, तमाम प्रतिनिधियों ने जताई खुशी

नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस परेड 2025 के दौरान विभिन्न मार्चिंग दस्तों और झांकियों के प्रदर्शन का आकलन करने के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों के नाम घोषित कर दिए गए हैं। जजों के तीन पैनल द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में “जनजातीय गौरव वर्ष” पर आधारित अपनी प्रेरणादायक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध झांकी के लिए गणतंत्र दिवस परेड 2025 में केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की ओर से सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार दिया गया है।

इस उपलब्धि पर जनजातीय कार्य मंत्रालय के जनजातीय प्रतिनिधि अजय कुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हमारे जनजातीय कार्य मंत्रालय की झांकी, जिसे प्रथम पुरस्कार दिया गया है, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को समर्पित थी और इसे जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। हम सभी भगवान बिरसा मुंडा की भूमि झारखंड के कलाकार हैं। हमारे लिए, इतने बड़े मंच पर भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में झांकी प्रस्तुत करने का मौका एक चुनौती और अत्यंत गर्व का क्षण था। हम सभी ने कड़ी मेहनत के बाद यह मुकाम हासिल किया।

जजों के तीन पैनल ने त्रिपुरा की ‘शाश्वत श्रद्धा: त्रिपुरा में 14 देवताओं की पूजा- खर्ची पूजा’ थीम पर आधारित झांकी को दूसरा स्थान दिया गया। इस अवसर पर त्रिपुरा के एक आदिवासी कलाकार ने कहा कि त्रिपुरा के लोगों की ओर से मैं सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता हूं। हम यहां काफी समय से अभ्यास कर रहे हैं और इस वर्ष हमारा थीम चौदह देवी-देवताओं की पूजा थी, जिसे हम खर्ची पूजा के नाम से जानते हैं। हम अपने राज्य के सांस्कृतिक विभाग, त्रिपुरा सरकार और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनके समर्थन और मान्यता के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहते हैं।

इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के ‘एटिकोपका बोम्मालु – पर्यावरण के अनुकूल लकड़ी के खिलौने’ की थीम पर अधारित झांकी को तीसरा स्थान दिया। इस उपलब्धि पर आंध्र प्रदेश की झांकी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि इस गणतंत्र दिवस पर हमारी झांकी ‘एटिकोप्पाका बोम्मालु – पर्यावरण के अनुकूल लकड़ी के खिलौने’ है। यह खिलौने इसलिए अलग हैं क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्रियों से बने हैं। इनमें इस्तेमाल किए गए रंग प्राकृतिक हैं, जो सूखी लकड़ी, पत्तियों और जड़ों जैसी चीजों से प्राप्त किए गए हैं। ये खिलौने लोकप्रिय हैं, क्योंकि ये पर्यावरण के अनुकूल हैं।

वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को ‘महिला और बच्चों की बहुआयामी यात्रा’ थीम पर आधारित झांकी के लिए केंद्रीय मंत्रालयों में सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार मिला।

इस उपलब्धि पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मनोज जोशी ने कहा कि हमने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए झांकी तैयार की और इस झांकी में हमने महिलाओं की शक्ति और सशक्तिकरण को प्रदर्शित किया। झांकी में हमने दस हाथों वाली एक महिला को दर्शाया है, जो आज की महिलाओं की असीम शक्ति की प्रतीक है। यह दर्शाता है कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ी हैं और आज इसका जीता जागता सबूत महिलाओं द्वारा जीते गए पुरस्कार हैं। इस पुरस्कार को पाकर हम बहुत खुश हैं, हमारी पूरी टीम ने काफी अच्छा परफॉर्म किया था।

–आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी

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