दिल्ली-एनसीआर में 2024 में 9.2 मिलियन वर्ग फीट वेयरहाउसिंग ट्रांजेक्शन हुए रिकॉर्ड, अतिरिक्त क्षमता भी मौजूद

नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली-एनसीआर में 2024 में 9.2 मिलियन वर्ग फीट वेयरहाउसिंग ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड किए गए, जो कुल बाजार हिस्सेदारी का 16 प्रतिशत है। शनिवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
एनसीआर के वेयरहाउसिंग बाजार में 34.6 मिलियन वर्ग फीट अतिरिक्त वेयरहाउसिंग स्पेस विकसित करने की क्षमता है, जो 2024 के ट्रांजेक्शन वॉल्यूम से लगभग चार गुना है।
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह क्षमता इस्तेमाल न होने वाली भूमि के रूप में उपलब्ध है और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
दिल्ली को इसके आसपास के शहरों और इंडस्ट्रियल हब से जोड़ने वाले क्षेत्र के बड़े रोड नेटवर्क ने कई वेयरहाउसिंग क्लस्टरों के विकास को बढ़ावा दिया है।
उद्योग को लेकर ट्रांजेक्शन वॉल्यूम के मामले में, थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) सेक्टर 2024 में एनसीआर के वेयरहाउसिंग ट्रांजेक्शन में सबसे आगे रहा। उसके बाद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का स्थान रहा।
क्लस्टर स्प्लिट ट्रांजैक्शन के मामले में, एनएच48/कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे (केएमपी) एनसीआर का प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब बना हुआ है, जो 2024 में कुल लीजिंग का 77 प्रतिशत हिस्सा रहा और 2023 में 66 प्रतिशत से बढ़ रहा है।
गाजियाबाद क्लस्टर ने भी 2023 में 8 प्रतिशत से 2024 में अपना हिस्सा बढ़ाकर 13 प्रतिशत कर लिया है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल के अनुसार, प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के निरंतर विस्तार और विभिन्न क्षेत्रों से बढ़ती मांग के साथ, एनसीआर वेयरहाउसिंग बाजार में जल्द ही निरंतर वृद्धि देखने को मिलेगी।
उन्होंने कहा, “ई-कॉमर्स की मांग में तेजी, क्विक-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों की वृद्धि के साथ, अगले 2-3 वर्षों में क्षेत्र की वेयरहाउसिंग एक्टिविटी को बढ़ावा देगा।”
एनसीआर के वेयरहाउसिंग बाजार ने 21.3 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह के स्थिर किराए के रुझान को बनाए रखा है, जो मांग की गतिशीलता में बदलाव के बावजूद 2 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर्ज करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा का ग्रेड ए वेयरहाउस 30-35 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह के साथ एनसीआर का सबसे महंगा किराया बाजार माना जाता है।
–आईएएनएस
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