आईआईटीएफ: यूपी पवेलियन में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर मिला पुरस्कार, लोगों ने डबल इंजन सरकार के काम को सराहा

नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 44वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) गुरुवार को संपन्न हो गया। समापन समारोह के अवसर पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश पवेलियन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया। इस दौरान सचान ने कहा कि प्रदेश को डबल इंजन सरकार का फायदा मिल रहा है।
समापन समारोह में मंत्री राकेश सचान ने पहला पुरस्कार किशन को प्रदान किया। उन्हें 25,000 रुपए का चेक और सम्मान पत्र दिया गया। दूसरा पुरस्कार हापुड़ की दिलकश जहां को मिला, जो हैंडीक्राफ्ट ज्वैलरी का काम करती हैं।
इन दोनों दुकानदारों की उत्कृष्ट कला और बिक्री को देखते हुए, इन्हें उत्तर प्रदेश पवेलियन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए चुना गया।
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि इस वर्ष मेले की थीम “एक भारत श्रेष्ठ भारत” रही, जिसका शानदार आयोजन भारत मंडपम में हुआ।
उन्होंने बताया कि 150 से अधिक स्टॉल लगाए गए। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) से जुड़े उत्पादों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पवेलियन पूरे मेले में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहा और यहां सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ी।
राकेश सचान ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में राज्य को सर्वोत्कृष्ट बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश आज सिर्फ उत्तम प्रदेश नहीं, बल्कि सर्वोत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है।
प्रथम पुरस्कार विजेता कृष्णा ने खुशी व्यक्त करते हुए आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उनके उत्पादों को लोगों ने खूब सराहा और बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, “सरकार ने 25 हजार रुपये और प्रमाणपत्र देकर हमें प्रोत्साहित किया है। इसके लिए मैं प्रदेश सरकार का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”
दूसरा पुरस्कार जीतने वाली दिलकश जहां ने कहा कि उनकी ज्वैलरी को मेले में अपार लोकप्रियता मिली।
उन्होंने बताया कि मेरे जैसे उत्पाद पूरे मेले में कहीं नहीं थे। लोगों ने खूब पसंद किया, इसलिए ओडीओपी की ओर से मुझे दूसरा पुरस्कार मिला। सरकार कलाकारों और उद्यमियों के लिए बहुत कुछ कर रही है। अगर हमारे भीतर इच्छा शक्ति है तो हम नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
–आईएएनएस
एएसएच/डीएससी