आरबीआई ने घटाया रेपो रेट, अर्थशास्त्री बोले- ये एक अच्छा कदम
मुंबई, 7 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कमी करने का ऐलान किया है। आरबीआई के इस निर्णय को विशेषज्ञों ने एक अच्छा कदम बताया है।
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ पंकज जायसवाल ने कहा कि आज मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी की गई है और यह पहले से ही तय माना जा रहा था।
उन्होंने कहा, “जिस तरह से बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास का ध्यान रखा था और उसके एक दिन पहले पीएम मोदी ने अपील की थी कि इस बार का बजट गरीबों, मिडिल क्लास और महिलाओं के लिए होगा, तो यह संकेत बजट में ही मिल गए थे कि अबकी बार रेपो रेट में कमी आएगी, जिसमें आम आदमी के हाथ में कैश फ्लो आएगा।”
अर्थशास्त्री पंकज जायसवाल ने कहा, “रेपो रेट की कमी होने से बैंक की ईएमआई प्रतिमाह कम होगी, क्योंकि मिडिल क्लास होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेता है। आशा है कि 0.25 का रेपो रेट कट होने से मिडिल क्लास की ईएमआई में करीब पांच से 10 प्रतिशत की कमी हो जाएगी। इसके बाद उनके हाथ में अच्छा खासा पैसा आएगा, जो वह खर्च कर सकेगा।”
आरबीआई द्वारा बीते पांच वर्षों में पहली बार रेपो रेट को घटाया गया है। इससे पहले मई 2020 में रेपो रेट को घटाकर 4 प्रतिशत किया गया था।
रेपो रेट की समीक्षा के लिए 5 फरवरी से लेकर 7 फरवरी तक आरबीआई एमपीसी की बैठक हुई थी, जिसके निर्णय का ऐलान आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा किया गया।
मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी के फैसलों का देश के सभी नागरिकों पर असर होगा। यह बिजनेस, अर्थशास्त्री और आम लोगों के लिए जरूरी है। साथ ही बताया कि महंगाई में भी कमी आ सकती है।
रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी के बाद यह 6.25 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि पहले 6.50 प्रतिशत थी।
–आईएएनएस
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