आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने बैंकिंग क्षेत्र में एआई के उपयोग के जोखिमों से किया आगाह

आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने बैंकिंग क्षेत्र में एआई के उपयोग के जोखिमों से किया आगाह

नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने सोमवार को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में एआई की तैनाती से होने वाले जोखिमों को लेकर मानव पर्यवेक्षण की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि एआई पर कुछ चिंताएं डिजाइन को लेकर हैं, जबकि कुछ अन्य अधिक डेटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा, उपभोक्ता संरक्षण और वित्तीय स्थिरता को संरक्षित करने को लेकर है।

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को तीन व्यापक श्रेणियों – डेटा बायस और मजबूती, गवर्नेंस और पारदर्शिता में रखा जा सकता है।

“जैसे-जैसे एआई का चलन बढ़ रहा है, इसके उपयोग को निर्देशित करने में मदद करने के लिए नियामक ढांचे को विकसित करने के वैश्विक प्रयास भी बढ़ रहे हैं और इस प्रक्रिया में अधिक सहयोग की आवश्यकता होगी।

राव ने इंडियन इकोनोमिक एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में कहा, “हमारा सामूहिक प्रयास इस विकास को सावधानी और जिम्मेदारी के साथ अपनाने का होना चाहिए, साथ ही एक ऐसे भविष्य के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए जहां प्रौद्योगिकी बड़े पैमाने पर समाज के लिए एक सक्षमकर्ता के रूप में काम करेगी।”

उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र विकसित हो रहा है, उभरती प्रौद्योगिकियां और एआई इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

राव ने कहा, “किसी भी संभावित प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इससे फायदा लेने के लिए एक सहायक नियामक ढांचे को सुनिश्चित करने की जरूरत होगी और इसलिए जब एआई मॉडल उच्च-मूल्य वाले निर्णय लेने वाले उपयोग के मामलों में तैनात किए जाते हैं तो मजबूत शासन व्यवस्था और स्पष्ट जवाबदेही महत्वपूर्ण होते हैं।”

उन्होंने जटिल या अस्पष्ट मामलों को संबोधित करने और नैतिक विचारों को ध्यान में रखा जाना सुनिश्चित करने के लिए मानवीय निरीक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, “इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि किसी भी अप्रत्याशित परिणाम और शासन संबंधी मुद्दों का समय पर पता लगाया जाएगा और उनका समाधान किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग करने वाली संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कठोर सत्यापन और परीक्षण करना होगा कि एल्गोरिदम विभिन्न परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करता है और इनपुट डेटा में मामूली बदलावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील नहीं है।

–आईएएनएस

एसकेपी

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