बीते पांच वर्षों में दोगुनी हुई क्रेडिट कार्ड की संख्या, लेनदेन भी बढ़ा: आरबीआई

बीते पांच वर्षों में दोगुनी हुई क्रेडिट कार्ड की संख्या, लेनदेन भी बढ़ा: आरबीआई

नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)। भारत में क्रेडिट कार्ड की संख्या बीते पांच वर्षो में दिसंबर 2024 तक दोगुनी होकर 10.80 करोड़ हो गई है, जो कि दिसंबर 2019 में 5.53 करोड़ थी। यह जानकारी आरबीआई की रिपोर्ट में दी गई।

इसके विपरीत डेबिट कार्डों की संख्या अपेक्षाकृत स्थिर रही है, जो दिसंबर 2019 में 80.53 करोड़ से मामूली बढ़कर दिसंबर 2024 में 99.09 करोड़ हो गई है।

आरबीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में क्रेडिट कार्ड से 447.23 करोड़ लेनदेन हुए और इनकी वैल्यू 20.37 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं, डेबिट कार्ड से 173.90 करोड़ लेनदेन हुए और इनकी वैल्यू 5.16 लाख करोड़ थी।

रिपोर्ट में बताया गया कि हाल के वर्षों में डेबिट कार्ड का इस्तेमाल घटा है, जबकि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़ा है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्ड की संख्या दिसंबर 2019 के अंत तक 122.6 लाख से बढ़कर दिसंबर 2024 के अंत तक 257.61 लाख हो गई है, जो 110 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।

आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्रों के बैंकों द्वारा दिसंबर 2024 के अंत तक 766 लाख कार्ड्स जारी किए जा चुके हैं। साथ ही कहा कि शहरी और समृद्ध वर्ग के ग्राहक को-ब्रांडेड और डिजिटल सॉल्यूशंस की तरफ झुके हुए हैं।

विदेशी बैंकों द्वारा जारी किए गए कार्डों की संख्या में गिरावट देखी गई है और दिसंबर 2024 तक इनकी संख्या 45.94 लाख रह गई है, जो कि दिसंबर 2019 में 65.79 लाख थी। इस दौरान बाजार हिस्सेदारी भी 11.9 प्रतिशत से घटकर 4.3 प्रतिशत रह गई है।

आरबीआई की अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की हिस्सेदारी 2024 में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2019 में 34 प्रतिशत थी।

समीक्षा अवधि में अन्य पेमेंट सिस्टम्स जैसे आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से गिरकर 17 प्रतिशत रह गई है।

व्यापक स्तर पर यूपीआई लेनदेन की वॉल्यूम बढ़कर 2024 में 17,221 करोड़ हो गई है, जो कि 2018 में 375 करोड़ थी। इस दौरान कुल लेनदेन की वैल्यू 5.86 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 246.83 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

–आईएएनएस

एबीएस/

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