रूस में बायोमेट्रिक पेमेंट का तेजी से हो रहा विस्तार : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। रूस में बायोमेट्रिक पेमेंट का तेजी से विस्तार हो रहा है। यह जानकारी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दी गई।
एसबीईआर बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर की गई पेमेंट का कुल टर्नओवर 28 बिलियन रूबल (331 मिलियन डॉलर) था। यह परिणाम, 2024 के पूरे वर्ष में किए गए कुल ट्रांजैक्शन की संख्या 26 मिलियन की तुलना में अधिक था।
इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि देश भर में टर्मिनलों की संख्या 1 मिलियन से अधिक हो गई है। टर्मिनल नेटवर्क रूस के पूरे क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें दूरदराज के क्षेत्र भी शामिल हैं।
पूरे देश में उपलब्ध स्माइल पेमेंट सर्विस लगातार लोकप्रिय हो रही है, जिसमें मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग शहर सबसे आगे बने हुए हैं। मिलियन से अधिक जनसंख्या वाले शहर जैसे येकातेरिनबर्ग, निजनी नोवगोरोड, पर्म प्रमुख शहरों में शामिल थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसियों ने 2025 की पहली तिमाही में स्माइल के साथ 35 मिलियन से अधिक भुगतान किए हैं।
एसबीईआर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और लेन-देन बैंकिंग इकाई के प्रमुख दिमित्री माल्यख ने कहा, “रूस दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जहां बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल कर पेमेंट का यह तरीका तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह सेवा पूरे देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी नागरिक के लिए उपलब्ध है।”
माल्यख ने आगे कहा, “2025 की पहली तिमाही के लेन-देन की संख्या पहले ही पिछले वर्ष के आंकड़ों को पार कर चुकी है। यह दर्शाता है कि कैसे यह इनोवेटिव टेक्नोलॉजी अपने शुरुआती चरण से आगे बढ़कर आम जनता द्वारा एक्टिव अडॉप्शन फेज में आ गई है। पहले इनोवेटर्स ही अर्ली अडॉप्टर थे।”
माल्यख ने कहा कि ऐसी सेवाओं के विकास चक्र को पूरा करने में आमतौर पर 3-4 साल लगते हैं, लेकिन तकनीक को 2023 की गर्मियों में लॉन्च किया गया था।
एज ग्रुप को लेकर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि इस सर्विस को इस्तेमाल करने वाले यूजर्स में सबसे ज्यादा 25 से 44 वर्ष के आयु वर्ग हैं, जो 56 प्रतिशत भागीदार दर्ज करवाते हैं।
इसके बाद 45 से 64 वर्ष की आयु के ग्राहक 31 प्रतिशत भागीदारी दर्ज करवाते हैं। वहीं, 22-24 वर्ष और 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग कुल यूजर्स की संख्या का मात्र 5 प्रतिशत हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 से 21 वर्ष की आयु के केवल 3 प्रतिशत नागरिक ही बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल कर पेमेंट करते हैं।
–आईएएनएस
एसकेटी/एबीएम