गुजरात में शुरू हुआ रण उत्सव, पर्यटकों को मिलेगा संस्कृति, कला और एडवेंचर का आनंद

अहमदाबाद, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात में रण उत्सव शुरू हो गया है, जिसका लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। यह त्योहार भारत और दुनिया भर से ट्रैवलर्स को कच्छ के खूबसूरत सफेद रेगिस्तान की ओर खींच रहा है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने फेस्टिवल की वैश्विक अपील पर जोर दिया और धोर्डो में इसके मुख्य आयोजन की तैयारी की जानकारी दी।
सफेद रेगिस्तान का विस्तार, गुजरात की अनोखी संस्कृति और अनुभव को दिखाने के लिए एक शानदार मंच तैयार करता है।
इस साल का रण उत्सव कच्छ की सबसे अच्छी चीजें एक साथ लाता है, पारंपरिक मिट्टी के भुंगे घर, शानदार हैंडीक्राफ्ट, स्थानीय व्यंजन और एडवेंचर एक्टिविटीज। कल्चरल परफॉर्मेंस, लाइट-एंड-साउंड शो, और बच्चों के खेलने की खास जगहें त्योहार के माहौल को और भी बढ़ा देती हैं, जिससे यह परिवारों और ट्रैवलर्स, दोनों के लिए एक इनक्लूसिव डेस्टिनेशन बन जाता है।
धोर्डो के अलावा, यहां आने वाले कच्छ की प्रसिद्ध जगहों जैसे धोलावीरा, रोड टू हेवन, लखपत, माता नो मध, नारायण सरोवर, कालो डूंगर, स्मृतिवन और मांडवी भी घूम सकते हैं। यह सभी जगहें इतिहास, संस्कृति और कुदरती सुंदरता से भरपूर हैं।
रण उत्सव 20 फरवरी तक चलेगा और यह गुजरात की विरासत, कारीगरी और मेहमाननवाजी का जश्न है। यह सिर्फ कच्छ देखने का मौका नहीं देता, बल्कि इसकी आत्मा को महसूस करने का भी अवसर देता है।
रण उत्सव की शुरुआत 2000 के दशक में राज्य सरकार की पहल के रूप में हुई थी। इसका मकसद कच्छ की समृद्ध संस्कृति, कारीगरी और प्राकृतिक सुंदरता को दुनिया के सामने लाना था। पहले यह सिर्फ एक छोटा सांस्कृतिक उत्सव था, लेकिन अब यह भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन कार्यक्रमों में शामिल हो गया है और हर साल लाखों विजिटर्स को आकर्षित करता है।
रण उत्सव कच्छ के कारीगरों, संगीतकारों और पारंपरिक समुदायों को बढ़ावा देता है और स्थानीय रोजगार को मजबूत बनाता है। इस तरह यह उत्सव कच्छ की संस्कृति, मेहमाननवाजी और आर्थिक मजबूती का प्रतीक बन गया है।
आज, यह उत्सव न केवल कच्छ की लोक कलाओं और शिल्प की विरासत को बचाए रखता है, बल्कि इस क्षेत्र को एक ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में भी स्थापित करता है, जिससे कभी अलग-थलग पड़े नमक के रेगिस्तान को मजबूती और जश्न में एक नई पहचान मिलती है।
–आईएएनएस
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