घरेलू क्रिकेट में अपनी विशेष छाप छोड़ने वाले पांच दिग्गज खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी के इस सत्र के समापन के साथ ही खेल को अलविदा कहने का निर्णय लिया है। इन खिलाड़ियों में बंगाल के दिग्गज मनोज तिवारी, झारखंड के बल्लेबाज सौरभ तिवारी और तेज गेंदबाज वरुण आरोन, मुंबई के धवल कुलकर्णी और विदर्भ के रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान फैज फजल शामिल हैं।
इन सभी खिलाड़ियों ने संन्यास लेने के अलग-अलग कारण बताए हैं जिनमें इंडियन प्रीमियर लीग का अनुबंध नहीं होना तथा राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की उम्मीद समाप्त होना है। इन कारणों से ये खिलाड़ी दूसरे काम या फिर राजनीति से जुड़ना चाहते हैं। आरोन, मनोज और फजल ने उसी मैदान पर अपने करियर को अलविदा कहा, जिसमें उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत की थी।
इन खिलाड़ियों की घरेलू क्रिकेट में निश्चित तौर पर कमी खलेगी। तेज गेंदबाज आरोन और आक्रामक बल्लेबाज सौरभ तिवारी के संन्यास लेने से झारखंड की टीम में बड़ा शून्य पैदा हो गया है। सौरभ 17 वर्ष तक झारखंड की टीम की ओर से खेले। उन्होंने 115 प्रथम श्रेणी मैच में 8030 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं।
भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक वरुण आरोन लगातार चोटिल होने के कारण अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। उनके नाम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 66 मैच में 173 विकेट शामिल हैं।
फैज फजल 21 वर्ष तक विदर्भ की ओर से खेले। इस प्रारंभिक बल्लेबाज की अगुआई में विदर्भ ने 2018 में रणजी ट्रॉफी जीती थी। उस सत्र में उन्होंने अपनी टीम की ओर से सर्वाधिक रन बनाए थे। उनके नाम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 9183 रन दर्ज हैं। फजल ने भारत की ओर से 2016 में जिंबाब्वे के विरुद्ध एक वनडे मैच खेला था जिसमें उन्होंने नाबाद 55 रन बनाए थे।
मुंबई के कुलकर्णी को अपनी स्विंग, मूवमेंट और सटीक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। वह घरेलू क्रिकेट के सबसे विश्वसनीय तेज गेंदबाजों में शामिल रहे हैं। कुलकर्णी ने 17 वर्ष तक चले अपने घरेलू करियर में कई यादगार प्रदर्शन किए। इस 35 वर्षीय तेज गेंदबाज ने 95 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिनमें 27.31 की औसत से 281 विकेट लिए।