अयोध्या अपने अराध्य के स्वागत के लिए तैयार है। 22 जनवरी को प्रानप्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान शुरू हो गया है। सात दिनों के लिए 16 जनवरी से शुरू अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है। आज यानी गुरुवार को भगवान रामलला के मूर्ति को गर्भगृह मे स्थापित करने के अलावा तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास किया जाएगा।
गर्भगृह में लाई गई रामलला की मूर्ति
रामलला की मूर्ति को अयोध्या राममंदिर के गर्भगृह में लाया गया है। मूर्ति को गर्भगृह में क्रेन की मदद से गर्भगृह में लाया गया। इससे पहले विशेष पूजा की गई।
आज का प्रमुख कार्यक्रम
आज यानी बृहस्पतिवार को दोपहर 1:20 बजे संकल्प होगा। उसके पश्चात गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य – प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी।