राजस्थान: राजस्थान क्रिकेट संघ में गुटबाजी खुलकर सामने आई


जयपुर, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के भीतर चल रहा आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को तदर्थ समिति की कार्यवाही के दौरान समिति के सदस्यों और संयोजक डीडी कुमावत के बीच तीखे मतभेद उभर आए। अब यह विवाद लोकपाल तक पहुंच गया है।

मतभेद की खबरों पर डीडी कुमावत ने कहा, “अगर मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित हो जाते हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और खुद ही पद छोड़ दूंगा।”

तदर्थ समिति के सदस्यों ने कुमावत पर एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाया।

आशीष तिवारी, मोहित यादव और पिंकेश जैन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए धनंजय सिंह खींवसर ने जयपुर में कहा, “कुमावत शुक्रवार की बैठक में शामिल नहीं हुए और समिति के चारों सदस्यों की सामूहिक सहमति के बिना एकतरफा फैसले ले रहे थे।”

खींवसर ने दावा किया, “डीडी कुमावत को जोधपुर जिला क्रिकेट संघ (डीसीए) को अयोग्य घोषित करने का कोई अधिकार नहीं था। इस फैसले पर और न ही लोकपाल की नियुक्ति पर सदस्यों से सलाह ली गई। पिछले साढ़े तीन महीनों से कोई आधिकारिक बैठक नहीं हुई है और अब अकेले ही फैसले लिए जा रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अब हम चयन समिति के गठन पर फैसला करेंगे।”

इसके बाद डीडी कुमावत आरसीए कार्यालय पहुंचे और आरोपों को निराधार बताते हुए अपना पक्ष रखा।

उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने बैठक बुलाई थी, उनके पास कोई अधिकार नहीं था। मुझे कल देर रात ईमेल द्वारा नोटिस मिला। इसके अलावा, वे उच्च न्यायालय के आदेश के तहत निलंबित हैं।”

कुमावत ने कहा कि ये बैठक जरूरी नहीं थी और कम से कम सात दिन पहले बुलाई जानी चाहिए थी। धनंजय सिंह मेरे छोटे भाई जैसे हैं, लेकिन उन्हें कानून का पालन करना होगा। निविदा संबंधी सभी कार्य वर्तमान में तदर्थ समिति के अधिकार क्षेत्र में हैं।

उन्होंने कहा, “बैठक में शामिल तीन सदस्यों में से एक को निलंबित कर दिया गया है, जिससे बैठक अमान्य हो गई है। अगर मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित हो जाते हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और पद छोड़ दूंगा। लोकपाल पहले से ही मामले की जांच कर रहा है, और मैं उनके निष्कर्षों के बाद ही कोई टिप्पणी करूंगा।”

लंबे समय से आरसीए की तदर्थ समिति में चल रहा विवाद राजस्थान में क्रिकेट को प्रभावित कर रहा है।

–आईएएनएस

पीएके


Show More
Back to top button