हरिद्वार में कांवड़ निर्माण पर उठे सवाल, संतों ने लिखा मुख्यमंत्री धामी को पत्र

हरिद्वार, 8 जुलाई (आईएएनएस)। ‘नेमप्लेट’ के बाद अब कांवड़ निर्माण को लेकर विवाद गहराया है। धर्मनगरी हरिद्वार के संत समाज ने मुस्लिम कारीगरों की ओर से बनाई जा रही कांवड़ों की धार्मिक शुचिता पर सवाल उठाए हैं। इस संबंध में उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है।
संतों की मांग है कि कांवड़ निर्माण प्रक्रिया में धार्मिक पृष्ठभूमि का सत्यापन जरूरी किया जाए। महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि आस्था से जुड़ी वस्तु के निर्माण में धार्मिक और सामाजिक पारदर्शिता अनिवार्य है।
महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “कांवड़ यात्रा सनातन हिंदू संस्कृति की प्राचीन और पुरातन परंपरा है। सावन को हिंदू धर्म के लिए पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में पवित्रता, शुचिता और शुद्धता मुख्य है।”
महामंडलेश्वर ने आरोप लगाए कि इस देश के अंदर कुछ अधर्मी लोगों की तरफ से षड्यंत्र चल रहा है कि सनातन धर्म को कैसे समाप्त किया जाए। इसमें कहीं ‘लैंड जिहाद’ है तो कहीं ‘लव जिहाद’ है। आजकल ‘थूक और मूत्र जिहाद’ चल रहा है।
उन्होंने कहा, “हम थूक-मूत्र जिहाद से कांवड़ को मुक्त करना चाहते हैं। विषय पवित्रता का है। रोज केस हो रहे हैं, कहीं थूक तो कहीं मूत्र जिहाद से धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश हो रही है।”
स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने बयान में कहा, “देश में मुसलमानों ने अपना विश्वास खो दिया है। मुसलमान की राष्ट्रीयता पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। वो फिलिस्तीन के झंडे फहराते हैं। कहीं पाकिस्तान, कहीं हिजबुल्लाह तो कहीं जमात-ए इस्लामी का झंडा निकाला जाता है। मुसलमानों की तिरंगे में आस्था ही नहीं है। आज मुस्लिम लोग तिरंगे में विश्वास नहीं करते हैं। उनकी राष्ट्रीयता पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि मुसलमान कांवड़ से अलग रहें। हरिद्वार में भी जो कांवड़ बनाते हैं, वो करोड़ों का बिजनेस करते हैं। हमें इससे आपत्ति नहीं थी, लेकिन जब उनके कारनामे उजागर हो रहे हैं तो क्या भरोसा कि वो शंकर भगवान की तस्वीरों और गंगाजल ले जाने वाली बोतलों को अशुद्ध करते हों।”
महामंडलेश्वर ने कहा कि हमने मांग की है कि जिनकी आस्था सनातन में नहीं है, जो सनातन को मिटाना चाहते हैं, कांवड़ निर्माण का कारोबार हरिद्वार में उनके हाथों से नहीं होना चाहिए।
–आईएएनएस
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