गौतमबुद्धनगर में शीतकालीन राहत व्यवस्था पर सवाल, रैन बसेरा और कंबल वितरण में भारी लापरवाही

नोएडा, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। गौतमबुद्धनगर जनपद में शीतकाल की शुरुआत के साथ ही शासन द्वारा जारी सख्त निर्देशों के बावजूद जमीनी स्तर पर राहत व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर द्वारा 12 दिसंबर 2025 को उपजिलाधिकारी सदर को जारी पत्र में रैन बसेरा, अलाव और कंबल वितरण की स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई गई है।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि जनपद में कोई भी व्यक्ति सड़क पर सोता हुआ न दिखे और ठंड से किसी प्रकार की जनहानि न हो, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय रहते सुनिश्चित की जाएं। पत्र के अनुसार जनपद में तहसीलों को 4 दिसम्बर 2025 को कंबल उपलब्ध करा दिए गए थे, लेकिन तहसील सदर में स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।
गत वर्ष जहां सदर तहसील में 5 रैन बसेरे स्थापित किए गए थे, वहीं इस वर्ष अब तक एक भी रैन बसेरे की फीडिंग आपदा प्रहरी ऐप पर नहीं की गई है। यही नहीं, अलाव की व्यवस्था भी अधूरी है। स्वीकृत 13 अलाव स्थलों के सापेक्ष केवल 12 स्थलों की ही फीडिंग की गई है, जबकि रैन बसेरों में प्रतिदिन ठहरने वाले लोगों की संख्या भी नियमित रूप से दर्ज नहीं की जा रही है। सबसे गंभीर स्थिति कंबल वितरण को लेकर सामने आई है।
पत्र में उल्लेख है कि 4 दिसंबर 2025 से अब तक 1000 उपलब्ध कंबलों में से मात्र 11 कंबलों का ही वितरण किया गया है, जिसे अत्यंत खेदजनक बताया गया है। इस लापरवाही पर राहत आयुक्त ने भी घोर असंतोष व्यक्त किया है और जिला प्रशासन को फटकार लगाई है। इसके अलावा 19 नवंबर 2025 को शहर में विभिन्न स्थानों पर रैन बसेरा बनाए जाने थे, लेकिन अब तक यह कार्य भी पूरा नहीं हो सका है।
जिलाधिकारी की ग्राउंड रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि ग्रेटर नोएडा शहर में पिछले पांच से छह वर्षों से जिन छह प्रमुख स्थानों पर रैन बसेरे लगाए जाते रहे हैं, वहां इस वर्ष अभी तक व्यवस्था नहीं की गई है। इनमें डेल्टा-2 बारात घर, परी चौक, पी-3 बारात घर, कासना स्थित जीआईएमएस अस्पताल, रोजा याकूबपुर बारात घर (ग्रेटर नोएडा वेस्ट) और हमीरपुर बारात घर शामिल हैं। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी सदर को निर्देश दिए हैं कि अलाव और रैन बसेरा स्थलों की पूर्ण रूप से फीडिंग कराई जाए, प्रतिदिन अद्यतन सूचना आपदा प्रहरी ऐप पर दर्ज की जाए और कंबल वितरण कार्य में तेजी लाई जाए। प्रशासन की इस सुस्ती के चलते ठंड में बेसहारा और जरूरतमंद लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं, जिस पर अब सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।
–आईएएनएस
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