एआई-बेस्ड हिंदू देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर करने वालों पर हो कार्रवाई : प्रो. डॉ. मेधा कुलकर्णी


नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। सांसद प्रो. डॉ. मेधा कुलकर्णी ने गुरुवार को राज्यसभा में मांग की कि एआई-बेस्ड डीपफेक और हिंदू देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर फैलाने पर कार्रवाई होनी चाहिए।

उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर हिंदू देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत गुस्सा दिलाने वाला है और इससे धार्मिक मतभेद पैदा हो सकते हैं। इसलिए, सोशल मीडिया के जरिए जानबूझकर ऐसा कंटेंट फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

सांसद डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी ने स्पेशल मेंशन के जरिए यह मुद्दा उठाया। इसे बहुत सेंसिटिव और परेशान करने वाला मामला बताते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने का इरादा है।

प्रो. डॉ. मेधा कुलकर्णी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइट पर एआई से बनी, मॉर्फ्ड और डीपफेक आपत्तिजनक तस्वीरें बड़े पैमाने पर फैली हैं।

उन्होंने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को खास तौर पर टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एडवांस्ड एआई टेक्नोलॉजी, डीपफेक टूल्स और इमेज-मैनिपुलेशन के तरीकों के गलत इस्तेमाल ने साइबर क्राइम का एक नया खतरा पैदा कर दिया है और पवित्र तस्वीरों को तोड़-मरोड़कर खुलेआम फैलाया जा रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा कानूनी ढांचे में ऐसे कामों को रोकने के लिए काफी कड़े नियम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन कामों का सिस्टमैटिक और जानबूझकर किया गया तरीका हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश दिखाता है।

उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त और मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई करे और सोशल मीडिया कंपनियों को एआई-बेस्ड डिटेक्शन सिस्टम, तुरंत हटाने के तरीके और सेंसिटिव कंटेंट के लिए सख्त वेरिफिकेशन प्रोसेस लागू करने के लिए कहे। उन्होंने एआई-बेस्ड धार्मिक बदनामी को रोकने के लिए ‘हिंदू आस्था सुरक्षा कानून’ या ‘एंटी-ब्लासफेमी कानून’ जैसे बड़े कानून की जरूरत पर जोर दिया।

–आईएएनएस

एएमटी/एबीएम


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