जीएसटी सुधारों से जनता को राहत, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा : प्रिंसिपल कमिश्नर-जीएसटी केपी सिंह

लखनऊ, 22 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के तहत जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने का ऐलान किया है, जिससे आम जनता, व्यापारियों और उद्योगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। लखनऊ में प्रिंसिपल कमिश्नर-जीएसटी के.पी. सिंह ने सोमवार को जीएसटी सुधार के फायदों पर विस्तार से बात की और बताया कि यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।
के.पी. सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “जीएसटी स्लैब में कमी से व्यापारियों, निर्माताओं और उद्योगों को सीधा लाभ होगा। सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जो अंततः उपभोक्ता ही चुकाता है। टैक्स कम होने से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें घटेंगी, जिससे लोगों के पास अतिरिक्त पैसा बचेगा। यह पैसा वे अपनी अन्य जरूरतों के लिए खर्च कर सकेंगे। इससे मांग बढ़ेगी, उद्योगों में उछाल आएगा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि होगी। कुल मिलाकर, यह समृद्धि और खुशहाली का कारण बनेगा।”
जीएसटी कलेक्शन पर इस सुधार के प्रभाव के बारे में सिंह ने बताया, “शुरुआती एक-दो महीनों में कर संग्रह में कमी देखने को मिल सकती है, क्योंकि 12 और 18 प्रतिशत जैसे स्लैब अब 5 प्रतिशत या शून्य में आ गए हैं। लेकिन जैसे-जैसे कर अनुपालन बढ़ेगा और उपभोग में वृद्धि होगी, टैक्स संग्रह में तेजी आएगी। लंबे समय में कंजम्पशन बढ़ने से कर संग्रह में उछाल आएगा, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक होगा।”
आगामी त्योहारी सीजन को ‘बचत उत्सव’ के रूप में देखते हुए उन्होंने कहा कि टैक्स में कमी से उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर सामान मिलेगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया, “पहले 10 रुपए का बिस्किट पैकेट अब 8 रुपए में मिलेगा। बचे 2 रुपए से उपभोक्ता अन्य जरूरतें पूरी कर सकेंगे।”
पीएम मोदी की स्वदेशी सामान खरीदने की अपील पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी। यह राशि बुनियादी ढांचे, रक्षा उपकरणों और तकनीकी आयात जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपयोग हो सकेगी। स्वदेशी खरीद से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। यह सुधार न केवल उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक राहत लाएगा, बल्कि व्यापारियों के लिए भी कर प्रक्रिया को सरल बनाएगा। स्लैब कम होने से अनुपालन आसान होगा और कर चोरी पर अंकुश लगेगा।
–आईएएनएस
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