प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी श्रीलंका यात्रा : विभिन्न क्षेत्रों में नई दिल्ली और कोलंबो के बीच संबंधों पर एक नजर

नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर 4 अप्रैल को श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में और मजबूती आने की उम्मीद है।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका में भारत की मदद से पूरी हुई कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें एनटीपीसी सामपुर सौर परियोजना और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं।
इन प्रोजेक्ट के लिए श्रीलंका ने आभार व्यक्त किया है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नए स्तर की शुरुआत होती दिख रही है।
जानते हैं कि रक्षा से लेकर पर्यटन तक के क्षेत्रों में दोनों देश किस तरह के संबंध साझा करते हैं।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग
दोनों देश रक्षा और सुरक्षा सहयोग में मजबूत भागीदारी साझा करते हैं। दोनों देशों की सशस्त्र सेनाएं हर साल नियमित रूप से बातचीत करती हैं।
द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने और उसे गति देने के लिए हर साल रक्षा सचिवों के बीच वार्षिक रक्षा वार्ता आयोजित की जाती है।
बहुपक्षीय अभ्यासों के अलावा, द्विपक्षीय अभ्यास एसएलआईएनइएक्स (नौसेना अभ्यास) और मित्र शक्ति (सेना अभ्यास) हर साल भारत और श्रीलंका में बारी-बारी से आयोजित किए जाते हैं।
भारत श्रीलंका की सुरक्षा के लिए क्षमता निर्माण को बढ़ाने में भी सबसे आगे रहा है। पिछले साल विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा के दौरान श्रीलंकाई नौसेना के लिए एक समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) स्थापित किया गया था।
भारतीय नौसेना के डोर्नियर विमान पिछले दो वर्षों से श्रीलंका वायु सेना द्वारा त्रिंकोमाली में समुद्री निगरानी के लिए संचालित किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, भारत श्रीलंकाई सशस्त्र बलों के लिए प्रतिवर्ष 1200 प्रशिक्षण रिक्तियां भी प्रदान कर रहा है।
कनेक्टिविटी और पर्यटन
कनेक्टिविटी और पर्यटन द्विपक्षीय सहयोग के अन्य प्रमुख क्षेत्र हैं। ये आर्थिक और वित्तीय संपर्क, डिजिटल कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाते हैं। इनमें तमिलनाडु के नागपट्टिनम और श्रीलंका के कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवाओं की शुरुआत (अक्टूबर 2023), चेन्नई और जाफना के बीच हवाई संपर्क की बहाली (दिसंबर 2022 से) और श्रीलंका में यूपीआई क्यूआर आधारित भुगतान की शुरूआत (फरवरी 2024) शामिल हैं।
भारत ने श्रीलंका में कांकेसंथुराई बंदरगाह विकसित करने के लिए 61.5 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया और बातचीत को औपचारिक रूप देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए।
रामेश्वरम (तमिलनाडु) और तलाईमन्नार के बीच नौका सेवा शुरू करने के लिए भी बातचीत चल रही है।
पर्यटन दोनों देशों के बीच नवीनतम और महत्वपूर्ण अवसर के रूप में उभर रहा है। 2023 में, श्रीलंका में 3 लाख भारतीय पर्यटकों का आगमन हुआ, जो अगले वर्ष बढ़कर 4.16 लाख हो गया।
श्रीलंका में भारतीय प्रवासी
साथ ही, भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) की एक बड़ी आबादी, जिसमें गुजराती, मलयाली और तेलुगु और सिंधी शामिल हैं, श्रीलंका में रहती है। वे वर्षों से वहां रह रहे हैं और विभिन्न व्यावसायिक उपक्रमों में लगे हुए हैं। वहां बसे भारतीय लोग आर्थिक रूप से सक्षम और काफी समृद्ध हैं, और दोनों देशों के बीच संवाद को आकार देने में उनकी भूमिका अहम है।
श्रीलंका में 7,500 से अधिक एनआरआई भी रह रहे हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में पेशेवर के रूप में काम कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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