राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के मौके पर दिव्यांगों को राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित


नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में वर्ष 2025 के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस कार्यक्रम में देश भर के तमाम विशिष्ट लोग शामिल हुए।

अवॉर्ड पाने वाली पैरा-एथलीट पूजा गर्ग ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मैं एक वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हूं। मैं बहुत गर्व के साथ कह सकती हूं कि इस साल मुझे बेस्ट दिव्यांगजन अवॉर्ड मिला है। मुझे लगता है कि यह अवॉर्ड मेरी जिंदगी की हर मेहनत को दर्शाता है।

पूजा गर्ग ने बताया कि 15 साल पहले हुई इंजरी में शायद मैं हार जाती, पर मुझे पता था कि मुझे हर उस व्यक्ति को आगे बढ़ाना है जो हादसे के बाद हार मान लेते हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि अपनी जिंदगी से हार न मानें। एक कोशिश तो करें। मैंने कोशिश की और आज मैं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हूं। मैं इंदौर से लेकर नाथुला तक बाइक से गई, जिसका मेरे नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

पूजा का कहना है कि 2010 में एक एक्सीडेंट में स्पाइनल इंजरी हुई थी। उस समय मेरी जिंदगी रुक-सी गई थी और मैं व्हीलचेयर पर आ गई। आज मुझे रोल मॉडल का नेशनल सम्मान मिला है। मुझे लगता है कि समाज के प्रति मेरी एक और जिम्मेदारी बढ़ गई है कि मैं महिला सशक्तिकरण और बच्चों-युवाओं को आत्मविश्वास की ओर कैसे ले जाऊं। मेरे ऊपर दिव्यांग लोगों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है।

उत्कृष्टता श्रेणी में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता निपुण कुमार मल्होत्रा का कहना है कि मैं जन्म से ही आर्थ्रोग्राइपोसिस नामक बीमारी के साथ पैदा हुआ था, जिसका अर्थ है कि मेरे हाथों और पैरों में मांसपेशियां नहीं हैं, और मैं व्हीलचेयर का इस्तेमाल करता हूं।

उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने कहा था कि मैं एक लकड़ी की गुड़िया की तरह जिंदगी जीने पर मजबूर रहूंगा, लेकिन मैंने एमबीए तक की पढ़ाई की है। मैं एक संस्था भी चलाता हूं, जो दिव्यांगजनों के लिए काम करती है। हम कई काम कर रहे हैं और दिव्यांगजनों को सहायता प्रदान कर रहे हैं। अब मेरे ऊपर जिम्मेदारी है कि मैं उन्हें और प्रेरित करूं।

गायक मोहम्मद यासीन का कहना है कि मैंने तीन केरल राज्य पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और तीन टेलीविजन पुरस्कार जीते हैं। अब मुझे बहुत खुशी और गर्व महसूस हो रहा है। मैं कीबोर्ड प्लेयर हूं। यहां आने से पहले मुझे तनाव और दबाव महसूस हो रहा था।

–आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी


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