राहुल गांधी बाहरी ताकतों की शह पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहे : प्रशांत ठाकुर


मुंबई, 26 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक प्रशांत ठाकुर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोप को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश की व्यवस्था को कमजोर करने के लिए बाहरी ताकतों के साथ मिलकर षड्यंत्र रच रहे हैं।

उन्होंने बिहार का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने वहां यह मुद्दा उठाया, लेकिन उनके आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है। राहुल गांधी शपथ पत्र देने से बच रहे हैं और केवल हार के बाद ही वोटिंग मशीनों पर सवाल उठाते हैं। जो आरोप आज वह लगा रहे हैं, यह आरोप तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से ही लगा रहे हैं। वो ईवीएम पर सवाल खड़े करते हैं, लेकिन उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। लोकसभा चुनाव में इन्हीं मशीनों से कांग्रेस को जीत मिली, तब कोई सवाल नहीं उठा। कर्नाटक और तेलंगाना में जीत के बाद भी कोई शिकायत नहीं हुई। यह केवल हार के बाद का बहाना है।

उन्होंने यूपीए के मुकाबले एनडीए सरकार के कार्यकाल में किसानों की आत्महत्या में 50 प्रतिशत कमी के सवाल पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग को प्रगति से जोड़ने का प्रयास किया है। किसान इस देश की आत्मा हैं। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना और महाराष्ट्र की नमो किसान सम्मान योजना का जिक्र करते हुए बताया कि किसानों को प्रति वर्ष 12,000 रुपए की सहायता, सस्ते बीज, उर्वरक और समय पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा, खेती के साथ-साथ आजीविका बढ़ाने के लिए योजनाएं जोड़ी गई हैं, जिससे किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। यूपीए की तुलना में एनडीए सरकार का प्रदर्शन कई गुना बेहतर है।

उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष श्याम लाल पाल द्वारा सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तुलना डॉ. भीमराव अंबेडकर से किए जाने पर प्रशांत ठाकुर ने कड़ा एतराज जताया।

उन्होंने कहा कि ऐसी तुलना करने के लिए श्याम लाल पाल को देश से माफी मांगनी चाहिए। पिछले सौ वर्षों में किसी भी राजनेता ने डॉ. अंबेडकर के योगदान की बराबरी नहीं की। उन्होंने अपना जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया और अपने कार्यों से जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित की। ऐसे में इस तरह किसी से किसी की तुलना करना अनुचित और अपमानजनक है।

–आईएएनएस

एकेएस/एबीएम


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