पाकिस्तान : सिंधु नहर परियोजनाओं के मुद्दे पर सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार, पीपीपी ने जताया विरोध


सिंध, 26 मार्च (आईएएनएस) पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) भी सिंधु नदी पर छह नई नहरें बनाने की सरकार की योजना के विरोध में आ गई है। इन नहरों के निर्माण के विरोध में सिंध प्रांत में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

एक रैली को संबोधित करते हुए, पीपीपी के सिंध अध्यक्ष निसार अहमद खुहरो ने कहा कि उनके विरोध के अगले चरण में प्रांत के सभी तालुकाओं में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

खुहरो ने धमकी दी कि अगर केंद्र सरकार परियोजना को रद्द नहीं करती है तो वे राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर देंगे।

पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खुहरो के हवाले से कहा, “जब तक संघीय सरकार चोलिस्तान और अन्य नहरों के निर्माण की योजना को वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।”

गठबंधन में बढ़ते आंतरिक संघर्ष और विरोधाभासी रुख के बीच, पीपीपी-सिंध के अध्यक्ष ने पाकिस्तानी सरकार की आलोचना की और इसे ‘तानाशाही संघीय सरकार’ करार दिया। उन्होंने कहा कि संघीय सरकार ने किसी भी संवैधानिक मंच की मंजूरी के बिना पंजाब प्रांत में चोलिस्तान नहर का निर्माण शुरू करके तानाशाही की याद को फिर से ताजा कर दिया है।

इस बीच, सिंध प्रांत के सभी बड़े और छोटे शहरों में आयोजित रैलियों में सभी क्षेत्रों के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। वे बैनर लेकर अपने-अपने क्षेत्रों की सड़कों पर उतरे और ‘सिंध विरोधी’ परियोजना के खिलाफ नारे लगाए।

पीपीपी के वरिष्ठ पार्टी नेताओं, जिनमें मियां रजा रब्बानी, वकार मेहदी और सादिया जावेद शामिल हैं। उन्होंने कराची प्रेस क्लब के बाहर एक विशाल रैली का आयोजन भी किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने सिंध के तटीय क्षेत्रों, जैसे सुजावल और बदीन में चल रही पानी की कमी पर प्रकाश डाला, जहां समुद्र की घुसपैठ ने पहले ही बड़े पैमाने पर कृषि भूमि को निगल लिया है।

रजा रब्बानी ने नई नहरों की योजना की निंदा की और इसे सिंध के लिए ‘मौत की सजा’ कहा। उसने चेतावनी दी कि ये नहरें सिंध की लाखों एकड़ उपजाऊ भूमि को नष्ट कर देंगी।

रब्बानी ने कहा, “अगर ये नहरें बनाई गईं, तो सिंध रेगिस्तान में बदल जाएगा, जिससे लाखों लोग भुखमरी और विस्थापन की ओर बढ़ेंगे।”

–आईएएनएस

एससीएच/एमके


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