मुंबई, 3 फरवरी (आईएएनएस)। अपने ‘डेथ स्टंट’ की व्यापक आलोचना से आहत विवादास्पद अभिनेत्री और मॉडल पूनम पांडे ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उनके प्रयास से यह सुनिश्चित हुआ कि ‘सर्वाइकल कैंसर’ शब्द एक ही दिन में 500 जगह सुर्खियों में आ गया।
पूनम ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि वह समझती हैं कि सर्वाइकल कैंसर के कारण उनकी कथित ‘मौत’ की हालिया खबर को पचाना मुश्किल हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 24 घंटों में दुनिया ने सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित लोगों के प्रति जो गर्मजोशी और चिंता व्यक्त की है, वह उसकी सराहना करती हैं।
उन्होंने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अंतरिम बजट 2024-25 भाषण की एक वीडियो क्लिप संलग्न की, जहां उन्होंने सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण के बारे में बात की थी।
पूनम ने लिखा : “घटनाओं का यह अप्रत्याशित मोड़, चौंकाने वाला होने के बावजूद एक बड़े उद्देश्य को पूरा करता है। जबकि मैं समझती हूं कि आपने इसे कैसे खराब अर्थ में लिया होगा, मैं आपसे बड़े कारण पर विचार करने का भी आग्रह करती हूं।”
“इस मुद्दे को लेकर जागरूकता की कमी ही एकमात्र कारण थी, जिसने मुझे यह अपरंपरागत कदम उठाने के लिए मजबूर किया।”
निर्मला सीतारमण के बजट भाषण पर प्रकाश डालते हुए पूनम ने कहा : “अभी एक दिन पहले केंद्रीय बजट ने भी इस कारण को उजागर किया था, लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकती हूं कि केवल एक छोटे से हिस्से ने ही इसे पंजीकृत किया होगा। यह दिलचस्प है कि इतनी महत्वपूर्ण जानकारी सबसे आगे कैसे थी, फिर भी यह मीडिया का ध्यान खींचने में असफल रहा, जब तक कि सर्वाइकल कैंसर के कारण मेरी मौत की खबर के साथ कहानी में नाटकीय मोड़ नहीं आया।”
पूनम ने स्वीकार किया कि नेटिजन्स अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं।
उन्होंने कहा, “अपनी हताशा बेझिझक व्यक्त करें, लेकिन यह सिर्फ दिखावा नहीं है, बल्कि मैं अपना पूरा शरीर सर्वाइकल कैंसर की सेवा के लिए समर्पित कर रही हूं। मैं आपको www.poonampandeyisalive.com पर आने के लिए आमंत्रित करती हूं, यह आपके लिए मेरा उपहार है, जहां हम सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए एक साथ आ सकते हैं और सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।”
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम फॉलोअर्स को बताया कि यह हस्तक्षेप जरूरी था।
पूनम ने कहा : “जानबूझकर किए गए प्रयास से यह सुनिश्चित हो गया कि ‘सर्वाइकल कैंसर’ एक ही दिन में 500 जगह सुर्खियों में आ गया और अगर हम एक दिन में इस तरह का प्रभाव ला सकते हैं, तो कल्पना कीजिए कि अगर हमने एक साथ आने का फैसला किया तो हम क्या कर सकते हैं। और बस इसी आशा में मैं इस क्षण के प्रभाव को व्यापक भलाई के लिए आत्मसात करने को तैयार हूं।”
–आईएएनएस
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