दक्षिण कोरिया : राष्ट्रपति यून को रिहा करने के फैसले पर बढ़ा राजनीतिक टकराव, पक्ष-विपक्ष आमने-सामने


सोल, 8 मार्च (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल को हिरासत से रिहा करने के अदालती फैसले को लेकर शनिवार को सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इससे देश में राजनीतिक विभाजन और गहरा गया।

सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने दक्षिणी सोल में सुप्रीम प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने यून की हिरासत को ‘अवैध’ बताते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।

पीपीपी के अंतरिम नेता क्वोन यंग-से ने कहा, “अदालत द्वारा रिहाई का फैसला सुनाए जाने के 20 घंटे बाद भी वे राष्ट्रपति को हिरासत में रखे हुए हैं।” उन्होंने अभियोजन पक्ष से ‘विपक्षी पार्टी की धमकियों के आगे न झुकने’ की अपील की।

विरोध प्रदर्शन में पीपीपी के 35 सांसद शामिल हुए।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के फ्लोर लीडर क्वेओन सेओंग-डोंग ने चेतावनी दी कि यदि राष्ट्रपति को रिहा नहीं किया गया तो पार्टी अभियोजन पक्ष के खिलाफ ‘अवैध हिरासत’ के आरोप में शिकायत दर्ज कराएगी।

इस बीच, मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) ने अभियोजन पक्ष से उसी प्रॉसिक्यूशन ऑफिस के पास एक रैली के दौरान अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने का जोरदार आग्रह किया।

पार्टी ने चेतावनी दी कि ऐसा न करना ‘लोगों के साथ विश्वासघात और विद्रोह के सरगना को रियायत देना’ होगा।

डीपी ने अपील एक वैध कानूनी प्रक्रिया बताते हुए चेतावनी दी कि इस विकल्प को न अपनाना ‘यून सूक योल को मुक्त करने के लिए एक बहाने’ के रूप में देखा जाएगा।

कानून के अनुसार, अभियोक्ताओं के पास फैसले के बाद अपील करने के लिए सात दिन हैं, अन्यथा, यून को रिहा कर दिया जाएगा।

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति कार्यालय ने महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति यून सुक योल को हिरासत से रिहा करने के न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। इसने उम्मीद जताई कि यून जल्द ही कार्यालय में वापस आ जाएंगे।

एक बयान में, राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि वह ‘राष्ट्रपति की गिरफ्तारी को रद्द करने के फैसले का स्वागत करता है।’

बता दें एक अदालत ने महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल की गिरफ्तारी रद्द करने की याचिका स्वीकार कर ली। इसके साथ ही उन्हें शुक्रवार को हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया।

यून को सोल के दक्षिण में उइवांग में एक हिरासत केंद्र में रखा गया है। 3 दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा के जरिए विद्रोह को भड़काने के आरोप में उन्हें 15 जनवरी को वहां लाया गया था।

यह निर्णय ऐसे समय में आया जब राष्ट्रपति यून के महाभियोग मुकदमे में जल्द फैसले का ऐलान होने वाला है। इसे लेकर संवैधानिक न्यायालय के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।

पिछले महीने के अंत में कोर्ट ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित करने के मामले में यून के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई पूरी कर ली और जल्द ही यह फैसला सुनाएगा कि उन्हें पद से हटाया जाए या नहीं। फैसला सुनाए जाने की सुनवाई की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। यदि यून को औपचारिक रूप से पद से हटा दिया जाता है, तो 60 दिनों के भीतर एक त्वरित चुनाव होगा। अगर महाभियोग खारिज हो जाता है, तो यून तुरंत अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू कर देंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

नेशनल असेंबली राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है। उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

–आईएएनएस

एमके/


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