संभल हिंसा की बरसी पर पुलिस-प्रशासन सतर्क, जिलाधिकारी और एसएसपी ने किया फ्लैग मार्च


संभल, 24 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा की घटना के एक साल पूरे होने पर किसी भी तनावपूर्ण परिस्थिति के मद्देनजर जिले में पुलिस प्रशासन अलर्ट है। जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने सोमवार को संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से भी बातचीत की।

जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “अभी, 19 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं और 16 सेक्टर बनाए गए हैं। सीसीटीवी, आईसीसीसी और 39 पुलिस चौकियों के साथ तीन-लेयर सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया है। ये सभी सिस्टम पिछले एक साल में धीरे-धीरे बनाए गए हैं, यही वजह है कि लोग अब सुरक्षित महसूस करते हैं।

हिंसा मामले पर जिलाधिकारी ने बताया कि कुल 12 मुकदमों में अदालत में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद ट्रायल शुरू हो चुके हैं।

उन्होंने संभल के विकास और आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में 600 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। उसके बाद से संभल आर्थिक रूप से तेजी से विकसित हो रहा है। यह जिला एनसीआर के बिल्कुल पास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संभल में तीर्थ स्थल और परिक्रमा क्षेत्र बनने व विकास होने से पर्यटन बढ़ेगा और लोगों की आजीविका में बढ़ोतरी होगी।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया, “24 नवंबर 2024 को हिंसा हुई थी। पुलिस ने हालात को सुरक्षित रूप से संभाला, जबकि उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं, पत्थर फेंके और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने दंगाइयों को भगाया।

एसपी ने बताया कि उस घटना में हजारों लोग शामिल थे, लेकिन पुलिस ने उनमें से 133 को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। 12 मामलों का ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है और पुलिस कोर्ट में यह पक्का करने की असरदार कोशिश कर रही है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को सजा मिले।

–आईएएनएस

डीसीएच/


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