2026 के चुनाव में हिस्सा लेंगे पीएम नेतन्याहू, इजरायली प्रधानमंत्री ने जीत का किया दावा

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को घोषणा की है कि वह 2026 के संसदीय चुनावों में हिस्सा लेंगे।
बता दें, गाजा में इजरायल और हमास के बीच दो सालों से चले युद्ध के बाद युद्धविराम हुआ है। इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री ने चुनाव में शामिल होने की बात कही है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली मीडिया 14 के साथ एक इंटरव्यू के दौरान पीएम नेतन्याहू ने यह घोषणा की। उनसे पूछा गया था कि क्या वह एक और कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने जवाब दिया, “हां।”
फिर जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें जीत की उम्मीद है, तो नेतन्याहू ने कहा, “हां।”
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इससे पहले 2022 में इजरायल में चुनाव हुए थे, जिसमें नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी ने 32 सीटें जीती थीं और 120 सीटों वाली इजरायली संसद, या नेसेट के 64 सदस्यों ने उन्हें सरकार बनाने के योग्य माना था। नेतन्याहू ने उसी साल दिसंबर में देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी और तब से वे गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं।
नेतन्याहू अगले हफ्ते 76 साल के हो जाएंगे। उन्होंने 1996 से 1999 तक और फिर 2009 से 2021 तक इजरायल के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया; इससे पहले जून 2021 में, यायर लापिड और नफ्ताली बेनेट द्वारा गठित एक मध्यमार्गी गठबंधन ने उन्हें पद से हटा दिया था।
इजरायली मीडिया के अनुसार शनिवार रात देश भर में हजारों लोग रैलियों में इकट्ठा हुए और हमास से मृत बंधकों के शवों की वापसी की मांग की। बता दें, हमास के साथ हुए युद्धविराम समझौते के तहत सोमवार को आखिरी जीवित 20 बंधकों को रिहा कर दिया गया था।
रैली का आयोजन तेल अवीव के बंधक चौक पर किया गया, जिसमें हाल ही में रिहा हुए बंधक मतन ज़ंगाउकर की मां, इनाव ज़ंगाउकर ने हजारों की भीड़ से कहा कि 7 अक्टूबर, 2023 के हमले और सामूहिक अपहरण के बाद राष्ट्रीय पुनर्वास तभी पूरा होगा, जब आखिरी शव वापस आ जाएगा और जब इस अभूतपूर्व हमले से जुड़ी विफलताओं के लिए जिम्मेदार लोग मुख्यतः प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू न्याय का सामना करेंगे।”
रैलियों से पहले, बंधक और लापता परिवार मंच ने एक प्रेस बयान में कहा कि “बंधकों को वापस लाने के लिए जिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, उसका खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है—हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है।”
–आईएएनएस
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