पीएम मोदी ने 'टीबी मुक्त भारत' अभियान की स्थिति और प्रगति की समीक्षा की

नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा, प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 शक्तिकांत दास, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे, स्वास्थ्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक के दौरान साल 2024 में टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान और उपचार में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में सफल रणनीतियों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया, जिससे देश से टीबी को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न 100 दिवसीय ‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान की समीक्षा की, जिसमें उच्च फोकस वाले जिलों को शामिल किया गया, जिसमें 12.97 करोड़ संवेदनशील व्यक्तियों की जांच की गई। इस दौरान 7.19 लाख टीबी मामलों का पता चला, जिनमें 2.85 लाख लक्षणहीन टीबी मामले शामिल थे। अभियान के दौरान एक लाख से अधिक नए निक्षय मित्र इस प्रयास में शामिल हुए, जो जनभागीदारी के लिए एक मॉडल रहा है जिसे पूरे देश में तेजी से बढ़ाया जा सकता है और पूरे सरकार और समाज के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों और उनके व्यवसायों के आधार पर टीबी रोगियों के रुझानों का विश्लेषण करने की आवश्यकता पर बल दिया। इससे उन समूहों की पहचान करने में मदद मिलेगी जिन्हें शीघ्र जांच और उपचार की आवश्यकता है, विशेष रूप से निर्माण, खनन, कपड़ा मिलों और इसी तरह के क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिक। स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, निक्षय मित्रों (टीबी रोगियों के समर्थक) को टीबी रोगियों से जुड़ने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वे रोगियों को इंटरैक्टिव और उपयोग में आसान प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रोग और उसके उपचार को समझने में मदद कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चूंकि टीबी अब नियमित उपचार से ठीक हो सकता है, इसलिए लोगों में डर कम होना चाहिए और जागरूकता बढ़नी चाहिए। टीबी को खत्म करने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रधानमंत्री ने जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रत्येक रोगी तक व्यक्तिगत रूप से पहुंचने के प्रयासों का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उचित उपचार मिले।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने डब्ल्यूएचओ ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2024 के उत्साहजनक निष्कर्षों पर ध्यान दिया, जिसमें देश में टीबी की घटनाओं में 18 फीसदी की कमी (2015 और 2023 के बीच प्रति लाख जनसंख्या पर 237 से 195 तक) की पुष्टि की गई है, जो वैश्विक गति से दोगुनी है। टीबी मृत्यु दर में 21 फीसदी की कमी (प्रति लाख जनसंख्या पर 28 से 22 तक) और 85 फीसदी उपचार कवरेज कार्यक्रम की बढ़ती पहुंच और प्रभावशीलता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने प्रमुख बुनियादी ढांचे में सुधार की समीक्षा की, जिसमें टीबी डायग्नोस्टिक नेटवर्क का विस्तार 8,540 एनएएटी (न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्टिंग) प्रयोगशालाओं और 87 संस्कृति और दवा संवेदनशीलता प्रयोगशालाओं तक करना, 26,700 से अधिक एक्स-रे इकाइयां, जिनमें 500 एआई-सक्षम हैंडहेल्ड एक्स-रे डिवाइस शामिल हैं, और 1,000 अन्य पाइपलाइन में हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मुफ्त जांच, निदान, उपचार और पोषण सहायता सहित सभी टीबी सेवाओं के विकेंद्रीकरण पर भी प्रकाश डाला गया।
–आईएएनएस
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