विज्ञान और अध्यात्म के बीच गहरा संबंध : पीएम मोदी


नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि विज्ञान और अध्यात्म के बीच गहरा संबंध है। उन्होंने महानतम गणितज्ञों में से एक माने जाने वाले श्रीनिवास रामानुजन को याद किया।

जब गणित से प्यार करने वाले इंजीनियर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री से रामानुजन के बारे में पूछा और पूछा कि उनके बारे में क्या प्रेरणा है, तो पीएम मोदी ने बताया कि वह “उनका बहुत सम्मान करते हैं”।

पीएम मोदी ने कहा, “मेरे देश में भी हर कोई उनका सम्मान करता है, क्योंकि मेरा दृढ़ विश्वास है कि विज्ञान और अध्यात्म के बीच गहरा संबंध है। अगर आप वैज्ञानिक रूप से उन्नत कई दिमागों को करीब से देखेंगे, तो आप पाएंगे कि वे अक्सर आध्यात्मिक रूप से भी उन्नत होते हैं।”

वे अध्यात्म से अलग नहीं हैं। रामानुजन ने एक बार कहा था कि उनके गणितीय विचार उस देवी से आए थे, जिसकी वे पूजा करते थे, जिसका अर्थ है कि विचार आध्यात्मिक अनुशासन से निकलते हैं, और अनुशासन केवल कड़ी मेहनत से कहीं अधिक है।

पीएम मोदी ने कहा, “इसका मतलब है किसी कार्य के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित करना और खुद को उसमें पूरी तरह से डुबो देना ताकि आप अपने काम के साथ एक हो जाएं।”

पीएम मोदी के अनुसार, हम ज्ञान के नए और अलग-अलग स्रोतों के लिए जितने अधिक खुले होंगे, हमारे पास उतने ही अधिक नए विचार होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारे लिए सूचना और ज्ञान के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से समझना महत्वपूर्ण है। कुछ लोग बड़ी मात्रा में सूचना लेकर चलते हुए गलती से सूचना को ज्ञान समझ लेते हैं, लेकिन मेरा मानना ​​है कि केवल सूचना ही ज्ञान नहीं है।”

उन्होंने कहा, “ज्ञान कुछ गहरा है। यह धीरे-धीरे प्रोसेसिंग, प्रतिबिंब और समझ के माध्यम से विकसित होता है। इस अंतर को पहचानना महत्वपूर्ण है कि हम दोनों को कैसे संभालते हैं।”

राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल 22 दिसंबर को गणितीय प्रतिभा रामानुजन की स्मृति में मनाया जाता है। रामानुजन का जन्म तमिलनाडु के इरोड जिले में 22 दिसंबर, 1887 को हुआ था। वे ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी के सबसे कम उम्र के सदस्यों में से एक थे और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय थे।

गणितीय विश्लेषण, अनंत श्रृंखला, निरंतर अंश और संख्या सिद्धांत में उनका योगदान बहुत बड़ा था।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी


Show More
Back to top button