भागलपुर में तीरंदाजी प्रतियोगिता के आयोजन पर फिदा हुए खिलाड़ी

भागलपुर, 5 मई (आईएएनएस)। बिहार के भागलपुर में खेलो इंडिया यूथ गेम्स की तीरंदाजी प्रतियोगिता के आयोजन की खिलाड़ियों और प्रशासकों ने जमकर तारीफ की है।
भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी ने कहा है कि खेलो इंडिया के तहत भागलपुर में हो रही तीरंदाजी प्रतियोगिता में सरकार की व्यवस्था काबिले तारीफ है। महाभारत कालीन अंग जनपद के राजा कर्ण और ब्रिटिश काल के योद्धा तिलकामांझी की जमीन पर खेलो इंडिया गेम्स को लेकर नवल किशोर चौधरी ने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय स्तर के खेल से बिहार की छवि में बदलाव जरूर आएगा।
तीरंदाजी खेल के दौरान 1981 में देश की पहली अर्जुन अवार्ड से सम्मानित खिलाड़ी कृष्णा दास का भी आगमन हुआ था। इन्हीं के वक्त इंडिया में आर्चरी गेम्स की शुरुआत हुई थी। कोलकाता से भागलपुर पहुंची अर्जुन अवार्डी कृष्णा दास ने बताया कि कई देशों में जाकर एशियन गेम्स में शिरकत की है। बैंकाक एशियन गेम्स के अलावा कई देशों में इंडिया की तरफ से खेला। तब उनकी उम्र महज 21 साल थी। अर्जुन अवार्डी कृष्णा जी ने बताया कि 1981 से लेकर 2025 तक में काफी बदलाव आया है। बिहार में भागलपुर की खेल से जुड़ी व्यवस्थाएं बहुत ही अच्छी है। केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
आर्चरी गेम्स के कंपीटिशन डायरेक्ट रूपेश कर ने बताया कि अंडर 19 में 16 वर्ष व उससे ऊपर के बच्चों के बीच तीरंदाजी खेल का प्रतियोगिता और वह भी ओलंपिक को टारगेट करते हुए कराना, बहुत बड़ा संयोग है। संयोग यह भी कि आयोजन बिहार में हो रहा है। स्कूली गेम्स से इतर अगर कोई बच्चा तीरंदाजी खेल को कैरियर बनाता है तो उसके लिए ऐसा प्लेटफार्म काफी मददगार है। बिहार में स्पोर्ट्स इकोलॉजी उभरते खिलाड़ी के साइकोलॉजी को टच करेगा।
–आईएएनएस
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