दिल्ली की जनता को भाजपा के खराब शासन का अनुभव : डी राजा

दिल्ली की जनता को भाजपा के खराब शासन का अनुभव : डी राजा

नई दिल्ली, 23 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव के रण में अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एंट्री हो गई है। उनकी गुरुवार की रैली को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी. राजा ने कहा कि दिल्ली में चुनाव जीतने के लिए भाजपा बहुत बेताब है, इसलिए अब वे अपने बड़े नेताओं को प्रचार में उतार रहे हैं।

भाकपा नेता डी. राजा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “भाजपा दिल्ली में चुनाव जीतने के लिए बहुत बेताब है। इसलिए वह अपने सभी बड़े नेताओं को प्रचार में लगा रही है। मैं मानता हूं कि दिल्ली की जनता काफी समझदार है। दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की जनता को भाजपा के खराब शासन का अनुभव है। जनता ही भाजपा को हराएगी। हमें अपने लोगों पर पूरा विश्वास है और हम इसी के तहत प्रचार कर रहे हैं। हमारी पार्टी का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हर हाल में हराना है।”

उन्होंने कहा कि भाकपा जनता के बीच काम कर रही है और जनता को जोड़ने में लगी हुई है। भाजपा हताश है और वह चुनाव के नतीजों को लेकर बेचैन दिखाई दे रही है। इसलिए भाजपा ने पीएम मोदी से वर्चुअल रैली को संबोधित कराया और अब योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए लाया गया है।

डी. राजा ने कहा, “भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति में विश्वास करती है। वह ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति के तहत चुनाव जीतने में विश्वास करती है। उन्हें लगता है कि लोगों को धर्म के आधार पर बांटा जाना चाहिए। इसलिए वह मुस्लिम इलाके में प्रचार करने के कारण कांग्रेस को निशाना बना रहे हैं। मुझे लगता है कि दिल्ली के लोगों को इस तरह के सांप्रदायिक रुख रखने वाले लोगों को हराना चाहिए।”

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा चुनाव आयोग को पत्र लिखे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं और वह एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कई मुद्दे उठाए हैं। चुनाव आयोग को उनकी बातों पर ध्यान देना चाहिए। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान करना चुनाव आयोग का काम है। अगर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी अपनी पार्टी के सदस्यों की पिटाई की शिकायत करती हैं तो चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही आतिशी को दिल्ली पुलिस से भी शिकायत करनी चाहिए, क्योंकि यह कानून-व्यवस्था का भी मामला है।”

–आईएएनएस

एफएम/एकेजे

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