सब्सिडियरी कंपनियों 'लिटिल इंटरनेट' और 'नियरबाय' से जुड़े फेमा उल्लंघन के मामले सुलझा लिए जाएंगे : पेटीएम


नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी पेटीएम ने शनिवार को कहा कि दो अधिगृहित सब्सिडियरी, लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (एलआईपीएल) और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एनआईपीएल), से जुड़े कथित फेमा आरोपों के मामलों को सुलझाने का प्रयास करेगी।

कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि ये कथित उल्लंघन इन सब्सिडियरी कंपनियों द्वारा पेटीएम का हिस्सा बनने से पहले किए गए लेन-देन से जुड़े हैं। पेटीएम को 28 फरवरी 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिले ‘कारण बताओ नोटिस’ (एससीएन) के बाद ये मामले ज्यादा उछले हैं। ईडी ने 2015 और 2019 के बीच के लेन-देन के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत कथित उल्लंघनों के लिए नोटिस भेजा है।

पेटीएम ने कहा कि वह कानूनी सलाह ले रही है और उपलब्ध नियामक प्रक्रियाओं के माध्यम से उचित उपायों का मूल्यांकन कर रही है।

कंपनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कथित उल्लंघनों का एक हिस्सा ‘लिटिल’ और ‘नियरबाय’ में उसके निवेश से पहले की अवधि से संबंधित है, जिससे यह पुष्ट होता है कि ये लेन-देन दोनों कंपनियों के उसकी सब्सिडियरी बनने से पहले हुए थे।

कंपनी ने यह भी पुष्टि की कि यह मामला उसके संचालन को प्रभावित नहीं करता है। पेटीएम ऐप पर सभी सेवाएं पूरी तरह से चालू और सुरक्षित हैं, जिसका यूजर्स या व्यापारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

पेटीएम ने पारदर्शिता, शासन और नियामक अनुपालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

कंपनी ने कहा कि वह इस मामले को मौजूदा कानूनों के अनुरूप हल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए संबोधित कर रही है। साथ ही अपने लाखों यूजर्स और मर्चेंट भागीदारों को सेवा देना जारी रखे हुए है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पिछले पेटीएम मनी के खिलाफ एक निपटान आदेश पारित किया था, जब कंपनी ने विनियामक उल्लंघनों के आरोपों को हल करने के लिए 45.5 लाख रुपये का भुगतान किया था। निपटान आदेश वित्तीय सेवा फर्म को इस मुद्दे से संबंधित आगे की कानूनी कार्रवाई से बचाता है।

यह मामला नियामक के तकनीकी गड़बड़ी ढांचे का अनुपालन न करने पर सेबी द्वारा 24 जुलाई 2024 को पेटीएम मनी को जारी किए गए ‘कारण बताओ नोटिस’ से जुड़ा था।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम


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