महापर्व छठ के लिए पटना का एलसीटी घाट खतरनाक घोषित, सात घाट अनुपयुक्त


पटना, 5 नवंबर (आईएएनएस)। लोकआस्था के महापर्व छठ की मंगलवार को शुरुआत हो गई। चार दिनों के इस पर्व को लेकर प्रशासन से लेकर आम लोग तैयारी में जुटे हैं। पटना के गंगा तट पर जिला प्रशासन द्वारा व्रतियों के लिए लगभग सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस बीच, पटना जिला प्रशासन ने एलसीटी घाट को खतरनाक घोषित कर दिया है तथा सात छठ घाटों को अनुपयुक्त पाया गया है।

सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने भी छठ को लेकर सारी आवश्यक तैयारी कर ली है। पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी के घाटों एवं जलस्तर की वर्तमान स्थिति के अनुसार छठ महापर्व के अवसर पर पटना नगर निगम क्षेत्र के खतरनाक एवं अनुपयुक्त घाटों की सूची जारी की है। इस सूची में केवल एलसीटी घाट ख़तरनाक है जबकि सात अनुपयुक्त घाट हैं।

अनुपयुक्त घाटों में टीएन. बनर्जी घाट, मिश्री घाट, जजेज घाट, अदालत घाट, गुलबी घाट, भरहरवा घाट और करनाल गंज घाट शामिल हैं। बताया गया कि इन घाटों को लाल रंग से घेर कर दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

छठ पर्व के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने भी तैयारी पूरी कर ली है। छठ की विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में पूर्व से उपलब्ध पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त पर्याप्त पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को भी विभिन्न जिलों में प्रतिनियुक्त किया गया है।

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, “अपर पुलिस अधीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक स्तर के 20 अधिकारियों को पटना जिला में, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के कुल चार अधिकारियों को औरंगाबाद जिला में प्रतिनियुक्ति किया गया है। राज्य में 35 कंपनी बिहार सैन्य पुलिस बल एवं तीन कंपनी केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल की प्रतिनियुक्ति की गई है।”

इसके अतिरिक्त बिहार पुलिस अकादमी से 1,275 प्रशिक्षणरत पुलिस अवर निरीक्षकों को अपने पैतृक जिलों में प्रतिनियुक्ति की गई है। जबकि, 2,450 पीटीसी प्रशिक्षु सिपाहियों को भी पटना जिला सहित राज्य के विभिन्न जिलों में प्रतिनियुक्त किया गया है।

औरंगाबाद के देव सहित राज्य में स्थापित सभी सूर्य मंदिरों में भी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। अराजक तथा असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए लगातार गश्ती तथा चेकिंग की जा रही है। होटल, धर्मशालाओं तथा सार्वजनिक स्थलों पर भी पुलिस की निगरानी है।

–आईएएनएस

एमएनपी/सीबीटी


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