पटेल इंजीनियरिंग का मुनाफा वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 73 प्रतिशत गिरा


मुंबई, 13 मई (आईएएनएस)। पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड की ओर से मंगलवार को नतीजे घोषित किए गए। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में कंपनी के मुनाफे में 70 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट हुई है। इसकी वजह खर्च में बढ़ोतरी और मार्जिन में कमी को माना जा रहा है।

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वित्त वर्ष 25 की जनवरी-मार्च अवधि में कंपनी का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 73 प्रतिशत गिरकर 38.17 करोड़ रुपए रह गया है जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 140.35 करोड़ रुपए पर था।

वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में कंपनी की आय सालाना आधार पर 20 प्रतिशत बढ़कर 1,611.86 करोड़ रुपए हो गई है, जो कि एक साल पहले समान अवधि में 1,343.18 करोड़ रुपए थी।

जनवरी-मार्च अवधि में कंपनी का खर्च 1,498.3 करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले साल के समान अवधि के आंकड़े 1,227.71 करोड़ रुपए से 22.04 प्रतिशत अधिक है।

लागत में वृद्धि के कारण ईबीआईटीडीए में गिरावट दर्ज की गई है और यह पिछले वित्तीय वर्ष के 237.58 करोड़ रुपए की तुलना में 8 प्रतिशत घटकर 218.34 करोड़ रुपए रह गया।

कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए मार्जिन भी 17.7 प्रतिशत से घटकर 13.5 प्रतिशत रह गया।

मुनाफे में कमी के कारण कंपनी के शेयर का भी प्रदर्शन कमजोर रहा है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर पटेल इंजीनियरिंग का शेयर 4.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42.58 रुपए पर बंद हुआ।

कंपनी के प्रदर्शन पर मैनेजिंग डायरेक्टर कविता शिरवाइकर ने कहा कि पटेल इंजीनियरिंग ने पहली बार 5,000 करोड़ रुपए के वार्षिक आय के आंकड़े को पार किया, जो कंपनी की निरंतर वृद्धि और ऑपरेशनल क्षमता को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि कंपनी की ऑर्डर बुक का साइज बढ़कर 15,218 करोड़ रुपए हो गई है। इसके अलावा 2,500 करोड़ रुपए के एल1 ऑर्डर की पुष्टि होने की संभावना है।

शिरवाइकर ने कहा, “जलविद्युत, पंप स्टोरेज और सुरंग परियोजनाओं में सरकार के फोकस के कारण कंपनी अक्षय ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास पर निरंतर ध्यान देने के कारण आशावादी बनी हुई है। यह ऐसे क्षेत्र जहां पटेल इंजीनियरिंग की मजबूत पकड़ है।”

-आईएएनएस

एबीएस/


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