चालकों की हड़ताल से बेबस हुए मुसाफिर,हिट एंड रन कानून का विरोध

चालकों की हड़ताल से बेबस हुए मुसाफिर,हिट एंड रन कानून का विरोध

रामपुर में वाहन चालकों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। मंगलवार को भी ट्रक ऑपरेटर्स और अन्य यूनियनों ने सरकार के हिट एंड रन कानून में बदलाव के खिलाफ विरोध जताया। इससे बसों का संचालन भी ठप हो गया। इससे साल का पहला दिन मुसाफिरों के लिए मुसीबत भरा रहा। रामपुर में चालकों ने हड़ताल का एलान करते हुए हाथ खड़े कर दिए। जिससे रामपुर रोडवेज डिपो का संचालन बंद हो गया।

ट्रक और अन्य निजी बसों और टेंपो चालकों ने भी सरकारी कानून का विरोध करते हुए संचालन बंद रखा। कहीं-कहीं पर टेंपो और निजी वाहन चलते दिखाई दिए। जिन पर सवार होकर मुसाफिरों ने सफर तय किया। हिट एंड रन कानून को वापस लेने की मांग लेकर कई जगह मैजिक चालकों ने प्रदर्शन भी किया है। रामपुर में हिट एंड रन के नए कानून को लेकर पूरे प्रदेश में चालकों-परिचालकों का गुस्सा देखने को मिला है।

सुबह करीब छह बजे डिपो से लखनऊ के लिए निकली एक बस को बरेली सेटेलाइट पर रोक लिया गया। जिसके बाद वहां से गाड़ी खाली भेजी गई थी। जिसके बाद से रामपुर रोडवेज डिपो के चालक-परिचालकों ने भी हिट एंड रन कानून का विरोध करते हुए काम करने से मना कर दिया। इसके बाद एक के बाद एक निकली सभी 72 बसों को रोडवेज बस अड्डे पर ही खड़ा कर लिया गया।

रोडवेज चालकों का कहना है कि रोडवेज कर्मी एक गरीब तबके में आते हैं। कोहरा और सर्दी के चलते दुर्घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस तरह का कानून किसी भी तरह चालकों के हित में नहीं है। ऐसे में रामपुर रोडवेज डिपो की बस नहीं निकली। बताया जा रहा है कि तीन जनवरी तक यह बसें यथावत खड़ी रहेंगी।

ऐसे में सोमवार को डिपो की बरेली और मुरादाबाद की सवारियों पर मुसीबतों का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि कुछ देर तक टैंपो और अन्य निजी वाहनों से लोग सफर तय कर रहे थे, लेकिन कुछ देर बाद टैंपो चालक भी प्रदर्शन की मुद्रा में आ गए और रोडवेज गेट पर भी उन्होंने भी जोरदार प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

इतना ही नहीं टैंपो, मैजिक चालकों ने भी सवारियां बैठाने से इंकार कर दिया। इसके बाद मुसाफिरों ने जैसे-तैसे रेलवे स्टेशन की तरफ रुख किया। यहां रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेन में सीटों के लिए काफी मगजमारी करनी पड़ी। रात भर मुसाफिर वाहन की खोज में दौड़ते रहे। इसके अलावा ट्रक चालकों के हाथ खड़े कर देने से व्यापार के लिए दिल्ली से सामान भी नहीं आ सका।

ऐसे में व्यापारियों को भी झटका लगा है। इधर, शाहबाद के बिलारी रोड पर बसें नहीं चलने यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सैकड़ों की तादाद में आने वाले यात्रियों को ई-रिक्शा और अन्य संसाधनों का जुगाड़ देखना पड़ा। 20 मिनट का सफर यात्रियों के लिए हड़ताल के चलते एक से दो घंटे के बीच हुआ।

इसके अलावा कई जगह ट्रक भी खड़े दिखाई दिए। इससे लाखों रुपये का काम प्रभावित हुआ। जबकि टांडा में भी अड्डे पर यात्रियों की भीड़ लगी रही। बिलासपुर में भी ट्रक चालकों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया और कानून वापस लेने की मांग की।

बाहर से आई कुछ बसें बनी वरदान

रामपुर रोडवेज डिपो की सेवा पूरी तरह से ठप हो गई थी। इसके बाद कुछ समय के लिए बाहर से आई लंबी दूरी की एक दो रोडवेज बसों पर सवारियां टूट पड़ी। खासकर बरेली जाने वाली सवारियों को बस पकड़ने में मशक्कत करनी पड़ी। दोपहर करीब 4 बजे तक पूरी तरह से परिवहन सेवाएं ठप हो गई।

नए साल पर रोडवेज को लगा नौ लाख का झटका

रामपुर में रोडवेज डिपो को नए साल पर नौ लाख रुपये का झटका लगा है। रोडवेज का लक्ष्य नौ लाख रखा गया था, जिसमें आमदनी आठ लाख के करीब हो पा रही थी, लेकिन इस एक दिन का यदि पूरा लक्ष्य मानकर चलें तो नौ लाख रुपये का सीधा झटका रामपुर रोडवेज डिपो को मिला है। अभी अगले दो दिन और सेवाएं ठप रह सकती हैं।

स्वार में हड़ताल से गैस सिलेंडरों की सप्लाई रुकी

उत्तराखंड सीमा पर स्थापित इंडेन बॉटलिंग प्लांट के ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण लगभग 30 से 35 हजार परिवारों के सामने गैस का संकट खड़ा होने की आशंका पैदा हो गई है। प्लांट से प्रतिदिन 35 हजार प्रतिदिन गैस सिलिंडरों की सप्लाई होती है। यहां मथुरा समेत अन्य रिफाइनरी से गैस के कैप्सूल आते हैं, जिसके बाद यहां सिलिंडरों में बॉटलिंग होती है।

इसके बाद गैस सिलिंडरों की आपूर्ति उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा उत्तराखंड के शहरों की गैस एजेंसियों तक पहुंचती है।सोमवार को बॉटलिंग प्लांट से एक भी ट्रक बाहर नहीं निकल सका। स्वार इंडेन गैस एजेंसी के सह संचालक अनीस अहमद अंसारी का कहना है कि हड़ताल लंबी खिंची तो उपभोक्ताओं के सामने संकट और बढ़ सकता है।
चालक-परिचालक कानून के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। जिस वजह से डिपो की सभी बसें खड़ी कर दी गई हैं। एक बस बरेली तक गई थी, लेकिन वहां पर रोक ली गई थी।

 

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