पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया और ओटोबॉक इंडिया ने शुरू किया अनुकूलित एथलीटों के लिए रनिंग क्लिनिक
नई दिल्ली,18 मार्च(आईएएनएस)। दुनिया की अग्रणी स्वास्थ्य तकनीकी नवाचारक और विशेष रूप से निर्मित कृत्रिम अंग एवं गतिशीलता समाधान देने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी ओटोबॉक ने पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तीन दिवसीय रनिंग क्लिनिक का आयोजन किया है। यह क्लिनिक 17 मार्च 2025 से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुरू हुआ। इस बहुप्रतीक्षित आयोजन का उद्देश्य सीमित गतिशीलता वाले खिलाड़ियों को सशक्त बनाना है। पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैनरिक पोपो के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में और आधुनिकतम कृत्रिम अंग तकनीक की सहायता से प्रतिभागियों को खेल के लिए तैयार किया जाएगा, चाहे वे इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहें या फिर पेशेवर खिलाड़ी के रूप में अपना करियर बनाना चाहें।
तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में ओटोबॉक केंद्रों, एएलआईएमसीओ और पीसीआई जैसी संस्थाओं से 15 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। पहले दिन, खिलाड़ियों को ओटोबॉक रनिंग ब्लेड्स फिट किए गए और उन्हें दौड़ने की आवश्यक तकनीकों पर केंद्रित सत्रों में प्रशिक्षित किया गया। दूसरे दिन, कठोर प्रशिक्षण सत्रों के साथ एक क्रिकेट मैच भी आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य आत्मविश्वास बढ़ाना और सामुदायिक भावना विकसित करना था। इन सभी सत्रों के दौरान हैनरिक पोपो व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहकर खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देते रहे। अंतिम दिन एक विशेष सत्र का आयोजन होगा, जिसमें प्रमुख अतिथि हैनरिक पोपो, पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ राहुल स्वामी, ओटोबॉक के प्रबंध निदेशक मैट्स फ्रैंक, पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष दीपा मलिक और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की संयुक्त सचिव मनमीत कौर शामिल होंगे।
ओटोबॉक इंडिया के प्रबंध निदेशक मैट्स फ्रैंक ने कहा, “रनिंग क्लिनिक केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो सीमाओं को चुनौती देता है और संभावनाओं को नई परिभाषा देता है। यह आयोजन यह साबित करता है कि हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी गतिशीलता चुनौती का सामना कर रहा हो, बाधाओं को पार करने की शक्ति रखता है और अपने समुदाय में बदलाव ला सकता है। पेशेवर स्तर की कोचिंग और समावेशी वातावरण के माध्यम से यह क्लिनिक दिखाता है कि खेल प्रेरणा देने, आशा जगाने और सामाजिक बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है।”
पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ राहुल स्वामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “रनिंग क्लिनिक भारत में अनुकूलित खेलों के भविष्य को संवारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लंबे समय से बुनियादी ढांचे और सामाजिक बाधाओं ने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ने से रोका है। यह आयोजन इस धारणा को तोड़ेगा कि पैरा-एथलीटों को अन्य खिलाड़ियों के समान अवसर और संसाधन नहीं मिलने चाहिए। हमें गर्व है कि इस मिशन में हम ओटोबॉक के साथ साझेदारी कर रहे हैं।”
पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैनरिक पोपो ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “एक खिलाड़ी के रूप में मैं जानता हूं कि खेल जीवन को बदलने की शक्ति रखते हैं। दौड़ना मेरे लिए सिर्फ एक खेल नहीं था, बल्कि यह मेरी पहचान, शक्ति और उद्देश्य को दोबारा पाने का जरिया बना। यही हम यहां कर रहे हैं – खिलाड़ियों को खुद पर विश्वास करने, अपनी सीमाओं को पार करने और पहले से भी बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस ट्रैक पर उनकी हर दौड़ समाज की धारणाओं को बदलने और यह साबित करने के लिए होगी कि असंभव कुछ भी नहीं है।”
रनिंग क्लिनिक भारत में विकलांगता के साथ जीवन जीने वाले लोगों के लिए बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह विकलांग खिलाड़ियों को उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक कौशल, आत्मविश्वास और नवीनतम तकनीक से लैस कर रहा है। यह पहल बाधाओं को खत्म करने और खेलों में समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए एक सशक्त माध्यम बनेगी।
–आईएएनएस
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