पर्यटक वीजा पर भारत आई पाकिस्तानी महिलाओं ने कहा – '10 साल बाद आए थे, लेकिन अब लौटना पड़ रहा है'


सहारनपुर, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पर्यटक वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का फैसला किया है। इसके चलते सहारनपुर में अपनी भांजी की शादी में शामिल होने आईं दो पाकिस्तानी महिलाओं, मस्क्रीन और वकीला बेगम, को बीच में ही वापस पाकिस्तान लौटना पड़ रहा है।

आईएएनएस से बातचीत में मस्क्रीन ने बताया कि वह अपनी भांजी की शादी में शामिल होने 10 अप्रैल को सहारनपुर आई थीं। उनका डेढ़ महीने का वीजा था, लेकिन हमले के बाद उन्हें तुरंत वापस जाने को कहा गया।

उन्होंने कहा, “दस साल बाद परिवार से मिलने आई थी। शादी की रस्में चल रही थीं, लेकिन तीन दिन पहले हमें वापस जाने का आदेश मिला। सारी खुशियां अधूरी रह गईं। दिल में बहुत तकलीफ है।”

मस्क्रीन ने बताया कि उनके तीन रिश्तेदार आने वाले थे, लेकिन बच्चों का वीजा नहीं मिला, इसलिए सिर्फ वह और उनके पति आए। अब शादी की वीडियो ही फोन पर देख पाएंगे।

वकीला बेगम ने भी अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने कहा, “मेरी सगे भाई की बेटी की शादी थी। 10 साल बाद भारत आई थी। खुशी का माहौल गम में बदल गया। हमने सोचा था शादी की सारी रस्में देखेंगे, लेकिन अब बॉर्डर पर तलाशी और वापसी का इंतजार है।”

उन्होंने आतंकियों की निंदा करते हुए कहा, “जिन्होंने पहलगाम में लोगों को मारा, उनका कोई धर्म नहीं। कश्मीरी मुसलमानों ने हिंदू पर्यटकों की जान बचाई। यह इंसानियत है।”

दोनों महिलाओं ने हमले के बाद बढ़े तनाव और कारोबारी प्रतिबंधों पर भी चिंता जताई।

मस्क्रीन ने कहा, “पुलवामा हमले के बाद से ट्रेन और कारोबार बंद हैं। अब पहलगाम हमले के बाद अफगानिस्तान के रास्ते कारोबार भी बंद हो गया। इससे मजदूरों और कुलियों को नुकसान होगा। पहले भारत-पाकिस्तान में प्यार और कारोबार चलता था, अब दूरियां बढ़ गईं।”

वकीला ने कहा, “आतंकवाद के कारण आम लोग परेशान हैं। अल्लाह ने हमें मिलाया, लेकिन खुशी अधूरी रह गई।”

–आईएएनएस

एसएचके/एकेजे


Show More
Back to top button