सुपरबग से लड़ने में मदद करता है ऑयस्टर रक्त प्रोटीन : स्टडी

सुपरबग से लड़ने में मदद करता है ऑयस्टर रक्त प्रोटीन : स्टडी

सिडनी, 21 जनवरी (आईएएनएस)। मंगलवार को प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई सीपों के रक्त में पाया जाने वाला प्रोटीन एंटीबायोटिक प्रतिरोधी सुपरबग्स के खिलाफ लड़ाई में मददगार हो सकता है।”

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के साउदर्न क्रॉस विश्वविद्यालय (एससीयू) की एक टीम द्वारा किए गए स्टडी में पता चला है कि सिडनी रॉक ऑयस्टर के रक्त में एक प्रोटीन बैक्टीरिया को मारने के साथ-साथ कई प्रकार के बैक्टीरिया के खिलाफ कुछ एंटीबायोटिक दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में सक्षम है।

प्रयोगशाला परीक्षणों में उन्होंने पाया कि यह प्रोटीन स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया और स्ट्रेप्टोकोकस पायोजेंंस नामक जीवाणुओं को मारने में प्रभावी था, जो क्रमशः निमोनिया और स्ट्रेप थ्रोट का कारण बनते हैं।

एंटीबायोटिक्स के साथ प्रयोग करने पर यह प्रोटीन स्टैफिलोकोकस ऑरियस और स्यूडोमोनस एरुगिनोसा बैक्टीरिया को मारने में दो से 32 गुना अधिक प्रभावी हो जाता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि स्टडी ने जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए सीपों से प्राप्त प्राकृतिक उत्पादों के संभावित उपयोग का समर्थन किया है।

उन्होंने पाया कि प्रोटीन मानव कोशिकाओं के लिए विषाक्त नहीं है, जो दर्शाता है कि सीप के रक्त से सुरक्षित एंटीबायोटिक का अनुकूलन करना संभव होना चाहिए। रोगाणुरोधी प्रतिरोधी (एएमआर) सुपरबग, बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी, जो अब उन्हें मारने के लिए डिजाइन किए गए एंटीबायोटिक दवाओं पर प्रतिक्रिया नहीं करते हैं, उन्हें वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़े खतरे के रूप में पहचाना गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एएमआर से प्रभावित संक्रमण का इलाज करना कठिन या असंभव हो सकता है, जिससे रोग फैलने, गंभीर बीमारी, विकलांगता और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

अनुसंधान टीम ने पाया कि सीप प्रोटीन बायोफिल्म्स में जीवाणु रोगजनकों को मार सकता है, जीवों के समुदाय जो एक साथ रहते हैं, जिससे वे एंटीबायोटिक दवाओं और मानव प्रतिरक्षा प्रणाली से बच सकते हैं।

एससीयू के विज्ञान और इंजीनियरिंग संकाय के सह-लेखक कर्स्टन बेनकेंडोर्फ ने कहा, “सीप हेमोलिम्फ प्रोटीन बायोफिल्म निर्माण को रोकने और बायोफिल्म को बाधित करने के लिए पाया गया, इसलिए बैक्टीरिया कम खुराक पर एंटीबायोटिक एक्सपोजर के लिए उपलब्ध रहते हैं।”

उन्होंने कहा कि इस खोज से शोधकर्ताओं और जलीय कृषि एवं दवा उद्योगों को एक नया एंटीबायोटिक विकसित करने के लिए सहयोग करने का एक बड़ा अवसर मिला है।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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