हमारी सरकार दलित और वंचितों के विकास के लिए प्रतिबद्ध : मंत्री संजय निषाद

लखनऊ, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा कि हमारी सरकार ने दलितों के समग्र विकास के लिए काम किया है, जो समुदाय लंबे समय से शोषित-वंचित और उपेक्षित महसूस कर रहा था, उसे हमारी सरकार ने समाज की मुख्यधारा में जोड़कर समग्र विकास की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाया, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हमारी सरकार ने कभी-भी दलित समुदाय के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया और ना आगे करेगी। हमारी सरकार कल भी दलित समुदाय के विकास के लिए गंभीरतापूर्वक काम करती हुई आई थी, और आगे भी करती रहेगी। दलित समुदाय का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता की सूची के शीर्ष पर हमेशा से ही रहा है और आगे भी रहेगा।
उन्होंने कहा कि दलित समुदाय लंबे समय तक हाशिए पर रहा, उन्हें कोई भी पूछने वाला नहीं रहा। उन्हें हमेशा से ही विकास से संबंधित कामों से वंचित किया गया है, लेकिन हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद सबसे पहले दलित समुदाय के हितों को ही प्राथमिकता दी। उनके विकास के लिए काम किया। हमारी सरकार दलित समुदाय के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मंत्री संजय निषाद ने कहा कि अब इस मामले में निषाद समुदाय के लोगों का भी नाम आ रहा है। उन्हें कैसे विकास के रास्ते पर अग्रसर किया जाए। इसे लेकर चर्चा तेज हो रही हैं। देश की आजादी में निषाद समुदाय का अमूल्य योगदान रहा है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मैं समझता हूं कि अगर मौजूदा समय में निषाद समुदाय के विकास की बात हो रही है, तो हमें इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
वहीं, मंत्री ने कफ सिरप मामले में ईडी की तरफ से हुई छापेमारी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने दावा किया कि पहले जांच एजेंसियां सरकार के संरक्षण में थी। इसी वजह से वो स्वतंत्र होकर काम नहीं कर पाती थी, लेकिन हमारी सरकार में जांच एजेंसियां पूरी तरह से आजाद है, वो हर मामले की जांच कर सकते हैं। उनके कार्य में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई का स्वागत किया जाना चाहिए। इससे फर्जी मतदाताओं को आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा और लोकतंत्र की प्रक्रिया सुचारू होगी। अगर कोई मतदाता मर चुका है, तो निश्चित तौर पर उसका नाम मतदाता सूची से हटाया जाना चाहिए। अगर कोई दूसरे जगह पर माइग्रेट कर चुका है, तो उसका नाम भी हटाया जाना चाहिए। कुल मिलाकर, संविधान के तहत फर्जी मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न होगी। इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी
उन्होंने विपक्ष की तरफ से उठाए जा रहे सवालों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष की तरफ से मतदाता सूची की प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में कहना चाहूंगा कि ये लोग इतने सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन आज तक इन्होंने इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि ये लोग सिर्फ सत्ती राजनीति करने की संभावना तलाशने की कोशिश करते हैं, जो कि पूरी तरह अनुचित है। अब हम इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
–आईएएनएस
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