लोकसभा चुनाव को लोकतंत्र-संविधान बचाने की लड़ाई के रूप में लड़े विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन ने एक्जिट पोल के अनुमानों के पहले अपनी बैठक कर 2024 के चुनाव में 295 से अधिक सीटों की जीत के साथ केंद्र की सत्ता में आने का दावा किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आईएनडीआईए घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद एक्जिट पोल को सरकारी सर्वे बताते हुए कहा कि इसके अनुमान चाहे जो जनता के वास्तविक सर्वे से साफ है कि विपक्षी गठबंधन बड़ी जीत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं।
इस चुनावी दावे के साथ ही अपने घटक दलों के तमाम नेताओं-कार्यकर्ताओं को मतगणना की पूरी प्रक्रिया के दौरान सतर्क रहने से लेकर अंतिम परिणाम घोषित होने तक काउंटिंग सेंटर नहीं छोड़ने का संदेश दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सरकारी आवास पर आईएनडीआईए के नेताओं की हुई इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस को छोड़ कर बाकी लगभग सभी घटक दलों के शीर्ष नेता मौजूद थे।
खरगे ने पत्रकारों से बातचीत की
करीब ढाई घंटे चली बैठक के बाद शीर्ष विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खरगे ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि गठबंधन के नेताओं ने चार जून को मतगणना के दिन बरती जाने वाली सावधानियों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
कार्यकर्ताओं को मतगणना की पूरी प्रक्रिया को लेकर सर्तक रहने के निर्देश
सभी सहयोगी दलों के नेताओं ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मतगणना केंद्र पर मतगणना की पूरी प्रक्रिया को लेकर सर्तक रहने का निर्देश दिया है और आज की बैठक के बाद आईएनडीआईए की ओर से उसकी सभी पार्टियों के लोगों से कहा गया है कि जब तक गिनती पूरी होकर प्रमाणपत्र जारी नहीं हो जाते तब तक मतगणना हॉल से बाहर न जाएं क्योंकि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता बेहद सतर्क हैं।
यह लोगों का सर्वे है सरकारी नहीं- खरगे
खरगे ने कहा कि कहा कि हमें 295 से अधिक सीटें मिलेंगी और अपने सभी घटक दलों के नेताओं से उनके आकलन के साथ जनता के सर्वे के आधार पर इस आंकड़े पर पहुंचे हैं। यह लोगों का सर्वे है सरकारी नहीं। खरगे ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके मीडिया मित्र आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं इसलिए हम वास्तविक आंकड़े बता रहे हैं।
हमने लोकसभा चुनाव 2024 पूरी ताकत से लड़ा- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उनके मीडिया मित्र सरकारी एग्जिट पोल के जरिए एक नैरेटिव देने की कोशिश कर रहे हैं पर हम लोगों को सच्चाई बताना चाहते हैं। खरगे ने एक्स पोस्ट में भी कहा कि हमने लोकसभा चुनाव 2024 पूरी ताकत से लड़ा है और सकारात्मक परिणाम के प्रति आश्वस्त हैं क्योंकि भारत के लोगों ने हमारा समर्थन किया है। विपक्षी नेताओं की बैठक में मतगणना की तैयारियों और रणनीति को लेकर हुई चर्चा के संदर्भ में खरगे ने कहा कि हमारी कुछ चिंताएं हैं जिनके समाधान के लिए आईएनडीआईए गठबंधन ने चुनाव आयोग से रविवार को मिलने का वक्त मांगा है। इसमें पेपर बैलेट की गिनती पहले करने का मसला शामिल है।
बैठक में ये पार्टियां शामिल हुईं
इस बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी माकपा, भाकपा, द्रमुक, झामुमो, आप, राजद, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरद पवार) के नेता मौजूद थे जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, चंपई सोरेन, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, प्रियंका गांधी वाड्रा, कल्पना सोरेन, टीआर बालू, सीताराम येचुरी, फारूख अब्दुल्ला, डी राजा आदि मौजूद थे।
बैठक में तृणमूल कांग्रेस नहीं हुई शामिल
आईएनडीआईए नेताओं की इस अनौपचारिक बैठक में पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण के मतदान का हवाला देते हुए तृणमूल कांग्रेस के शामिल नहीं होने की ममता बनर्जी ने पहले ही घोषणा कर दी थी। जबकि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती निजी कारणों से बैठक में शामिल नहीं हुईं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और तेजस्वी यादव ने भी कहा कि आईएनडीआईए 295 सीटों के साथ चुनावी जीत हासिल करने जा रहा है।
विपक्ष एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करेगा
विपक्ष के पीएम उम्मीदवार के सवाल पर इनका कहना था कि चार जून के नतीजों के बाद सब मिलकर इसका फैसला करेंगे। खरगे ने गठबंधन के दलों में एकजुटता का दावा किया तो येचुरी ने कहा कि बहुमत का आंकड़ा सामने आने के बाद विपक्ष का एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया जाएगा और यही नई सरकार का आधार होगा।
वोटों की गिनती को लेकर सत्तापक्ष-विपक्ष में तकरार
लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सियासी तकरार की शुरूआत हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री अमित शाह की ओर से फोन कर जिला कलक्टरों-निर्वाचन अधिकारियों पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
गृहमंत्री जिला कलेक्टरों को फोन करके धमका रहे
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में यह आरोप लगाते हुए कहा, ‘निवर्तमान गृहमंत्री आज सुबह से जिला कलेक्टरों से फोन पर बात कर रहे हैं। अब तक 150 अफसरों से बात हो चुकी है। अफसरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक एवं अस्वीकार्य है। याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं। चार जून को जनादेश के अनुसार नरेन्द्र मोदी, अमित शाह व भाजपा सत्ता से बाहर होंगे एवं आइएनडीआइए जनबंधन विजयी होगा। अफसरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए। वे निगरानी में हैं।’