ऑपरेशन सिंदूर काव्य प्रतियोगिता: डॉ. ओंकार त्रिपाठी को पहला, दिव्यांश पॉटर मासूम को मिला दूसरा पुरस्कार


नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम से सुसज्जित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शानदार सफलता पर एच बी पोएट्री द्वारा आयोजित ‘ऑपरेशन सिंदूर काव्य प्रतियोगिता’ के परिणामों की घोषणा की गई।

साहित्य और कला जगत के प्रतिष्ठित लोगों के निर्णायक मंडल ने पहला पुरस्कार दिल्ली के डॉ. ओंकार त्रिपाठी, दूसरा जयपुर के दिव्यांश पॉटर (मासूम) और तीसरा पुरस्कार दिल्ली की डॉ. अमृता अमृत को दिया। तीनों विजेताओं को नकद पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की गई है। यह प्रतियोगिता सिर्फ एक साहित्यिक आयोजन ही नहीं, बल्कि हिंदी साहित्य की विविधता, जीवंतता और सामूहिक रचनाशीलता का उत्सव भी बनी।

‘ऑपरेशन सिंदूर काव्य प्रतियोगिता’ लगभग तीन महीने पहले प्रारंभ हुई थी। इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देशभर के कवियों और साहित्य प्रेमियों ने अत्यंत उत्साह, उमंग और जोश के साथ भाग लिया। इस प्रतियोगिता में भारत के 28 राज्यों से करीब 3500 कवियों ने अपनी रुचि दिखाई। इनमें से 361 कवियों ने सक्रिय रूप से भाग लेकर अपनी रचनात्मकता और साहित्यिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इतनी बड़ी सहभागिता से साफ है कि कविता आज भी समाज के भावों को अभिव्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है।

प्रतियोगिता की विश्वसनीयता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए साहित्य और कला जगत की प्रतिष्ठित विभूतियों को निर्णायक मंडल में शामिल किया गया। इनमें प्रख्यात कवि गजेंद्र सिंह सोलंकी, चर्चित कवि सुदीप भोला और सुप्रसिद्ध गीतकार चरणजीत सिंह चरण शामिल हुए। इन विद्वानों ने निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद विजेताओं का चयन किया।

प्रतियोगिता में ओजपूर्ण, वीर और श्रृंगार रस से परिपूर्ण साहित्यिक रचनाएं शामिल हुईं, इसलिए प्रथम तीन विजेताओं के चयन के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा रही। ज्यूरी ने विजेताओं की घोषणा की। प्रथम पुरस्कार विजेता को 25,000 रुपए, द्वितीय विजेता को 15,000 रुपए और तृतीय विजेता को 11,000 रुपए नकद दिए जाएंगे।

इसके अलावा प्रतियोगिता को और अधिक प्रेरणादायक एवं समावेशी स्वरूप देने के लिए 50 प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इन पुरस्कृत कवियों में देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल रहे।

इन सभी प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिनमें गार्गी कौशिक (दिल्ली), राजीव कुमार पांडेय (दिल्ली), मनीष शर्मा (बस्ती, उत्तर प्रदेश), डॉ प्रशांत जामलिया (सीहोरा, मध्यप्रदेश), उमा विश्वकर्मा (कानपुर, उत्तर प्रदेश), डॉ. अशोक सम्राट (दिल्ली), स्नेहलता पांडे (दिल्ली), पुष्पा पोरवाल (फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश), सरिता गुप्ता (दिल्ली), राजकुमार ‘अर्जुन’ (दिल्ली), हरि अग्रवाल (राजस्थान), प्रवेश कुमार (गया, बिहार), शालिनी शर्मा (दिल्ली), अजीत सिंह ग्रामरिक (प्रयागराज, उत्तर प्रदेश), डॉ. सुषमा सिंह (कानपुर, उत्तर प्रदेश), शिवकुमार बिलगरामी (दिल्ली), ज्योति (वाराणसी, उत्तर प्रदेश), अनीता जोशी (उत्तराखंड), अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’ (मध्यप्रदेश), देवेंद्र कुमार पांडेय (उत्तर प्रदेश), मनीष शेंडे (उत्तर प्रदेश) डॉ. अशोक कुमार (उत्तर प्रदेश), सुनीता छाबड़ा (उत्तर प्रदेश), मंजू बरनवाल (पश्चिम बंगाल), रोहित रोज (दिल्ली), गुलाब सिंह (उत्तर प्रदेश), सुधा बसोर सौम्या (दिल्ली), कृतिका सैनी (उत्तर प्रदेश), प्राची प्रवीण कुलकर्णी (महाराष्ट्र), कामना मिश्रा (दिल्ली), अंजना जैन (दिल्ली), डॉ. अनुराग शर्मा (उत्तराखंड), पूजा श्रीवास्तव (दिल्ली), डॉ. सुरंगमा यादव (उत्तर प्रदेश), मीना रुंगटा (गुजरात), संजय कुमार गिरि (दिल्ली), नरेंद्र मस्ताना वर्मा (उत्तर प्रदेश), डॉ. जयप्रकाश मिश्र (दिल्ली), धीरज सारस्वत (उत्तर प्रदेश), आयुष यादव (उत्तर प्रदेश), बृजभूषण प्रसाद (बिहार), स्मृति श्रीवास्तव (हरियाणा), आशा झा (छत्तीसगढ़), अतुल जैन सुराणा (मध्य प्रदेश), कपिल कुमार झा (बिहार), निवेदिता शर्मा (दिल्ली), सुशीला शर्मा (उत्तर प्रदेश), हरीश चंद्र सिंह (दिल्ली), शुभ बरनवाल (दिल्ली) और दीपक राजा (दिल्ली) शामिल रहे।

एच बी पोएट्री के मुख्य आयोजक डॉ. हरीश चंद्र बर्णवाल ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य नवोदित और स्थापित कवियों को एक साझा मंच प्रदान करना है। यह पहल न सिर्फ नई पीढ़ी को हिंदी साहित्य से जोड़ने का माध्यम बनी, बल्कि युवा और नवोदित कवियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का भी अवसर बनी। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन आने वाले वर्षों में और भी बड़े स्तर पर किए जाएंगे, ताकि हिंदी कविता को नई ऊर्जा, नई पहचान और अधिक व्यापक मंच मिल सके। उन्होंने बताया कि जल्द ही इन कविताओं का एक संकलन प्रभात प्रकाशन से लाने की तैयारी हो रही है।

–आईएएनएस

डीकेपी/


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